Gurugram Corruption Case: गुरुग्राम। भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख़्त रुख अपनाते हुए स्थानीय अदालत ने एक पटवारी को चार वर्षों के कठोर कारावास तथा ₹30,000 के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जगदीप सिंह की अदालत द्वारा सुनाया गया, जिसमें राजस्व अधिकारी संजय कुमार को दोषी ठहराया गया। Haryana News
संजय कुमार, जो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के भूमि अधिग्रहण कार्यालय में कार्यरत थे, को फरवरी 2023 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, संजय कुमार ने अधिग्रहित भूमि के मुआवज़े पर ब्याज से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। मामले की जांच के दौरान आरोपी अपने बचाव में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने इस विषय में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार बीते दस वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति पर कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
6 फरवरी 2023 को एसीबी को शिकायत प्राप्त हुई थी | Haryana News
उल्लेखनीय है कि 6 फरवरी 2023 को एसीबी को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें संजय कुमार द्वारा रिकॉर्ड अदालत में प्रस्तुत करने के एवज में अवैध धनराशि की मांग का आरोप लगाया गया था। उसी दिन गुरुग्राम के एसीबी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। मार्च 2023 में इस प्रकरण में आरोपपत्र दाखिल किया गया और दो वर्षों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के पश्चात संजय को दोषी ठहराया गया।
इस बीच, इसी प्रकार के एक अन्य मामले में सोहना तहसील कार्यालय से राजस्व अधिकारी नरेश को भी पिछले माह गिरफ्तार किया गया है। नरेश पर भूमि से संबंधित दस्तावेजों में हेरफेर कर फर्जी अभिलेख तैयार करने का आरोप है। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है और मामले की जांच प्रगति पर है। Haryana News
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