Supreme Court Firecrackers Ban: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर मंगलवार को अहम सुनवाई की। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले अन्य राज्यों — जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान — को भी एक माह के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी करने होंगे। Supreme Court
न्यायमूर्ति अभय एस. ओक की पीठ ने बताया कि दिल्ली सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) की धारा 5 के तहत यह आदेश जारी किया है, जिसके अंतर्गत जुर्माना और अन्य कार्रवाई संभव है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि शिकायतों के समाधान हेतु एक प्रभावी तंत्र भी तैयार किया जाए, जिससे लोग पटाखों से संबंधित उल्लंघनों की जानकारी दे सकें और उस पर समयबद्ध कार्रवाई हो सके।
राजधानी में पूरी तरह से रोक लागू की जा चुकी है
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल शपथ-पत्र के अनुसार, राजधानी में पटाखों के निर्माण, भंडारण व बिक्री पर पूरी तरह से रोक लागू की जा चुकी है। इसे देखते हुए, अदालत ने एनसीआर के शेष राज्यों को निर्देश दिया है कि वे भी समान आदेश ईपीए की धारा 5 के अंतर्गत 30 दिनों के भीतर पारित करें।
ज्ञात हो कि 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पहले से लगाए गए प्रतिबंध को वैध करार दिया था। अदालत ने कहा था कि जब तक यह सिद्ध नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से कोई प्रदूषण नहीं होता, तब तक प्रतिबंध में ढील नहीं दी जा सकती। संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि स्वच्छ वायु में सांस लेना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। न्यायालय ने यह भी रेखांकित किया कि सभी नागरिक एयर प्यूरीफायर खरीदने में सक्षम नहीं होते, और खुले वातावरण में कार्यरत लोगों पर प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। Supreme Court
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