आपरेशन सिंदूर’ ने दिलाया पीड़ित परिवारों को इंसाफ : राजनाथ सिंह
लखनऊ/नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं परीक्षण इकाई का उद्घाटन केवल एक परियोजना की शुरुआत भर नहीं है, बल्कि यह भारत के सामरिक, तकनीकी और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस पहल के पीछे अनेक गहरे रणनीतिक और राष्ट्रीय हित जुड़े हुए हैं, जिनका विश्लेषण करना आज के संदर्भ में अत्यंत आवश्यक है। Rajnath Singh
BrahMos Missile Unit Lucknow: आतंकवाद पूरी तरह कुचलने को ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन
1. लखनऊ: अब केवल सांस्कृतिक नहीं, सामरिक पहचान भी
लखनऊ, जो अब तक अपनी सांस्कृतिक, साहित्यिक और राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता था, अब भारत के डिफेंस सेक्टर का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की नई इकाई इस शहर को न केवल औद्योगिक मानचित्र पर उभारने जा रही है, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी व्यापक रूप से उत्पन्न होंगे। रक्षा मंत्री द्वारा व्यक्त यह विश्वास कि लखनऊ ‘तकनीकी संगम’ के लिए जाना जाएगा, भविष्य में उत्तर भारत की औद्योगिक धारा को एक नया मोड़ देगा।
2. ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के विरुद्ध भारत की दृढ़ता | Rajnath Singh
रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीतिक नीति की एक नई परिभाषा सामने रखी। यह अभियान, जो पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए चलाया गया, यह स्पष्ट करता है कि भारत अब ‘संयम’ और ‘प्रतिकार’ दोनों के संतुलन से काम कर रहा है। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी – यह एक संदेश था: भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर पहल करेगा। यह नई रणनीति, जिसे हम सक्रिय सुरक्षा नीति कह सकते हैं, भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को और सुदृढ़ करती है।
3. सैन्य शक्ति के साथ संयम का उदाहरण
भारत ने हमेशा आतंकी संगठनों को जवाब देते समय आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाने की नीति अपनाई है। राजनाथ सिंह द्वारा यह बात दोहराना कि भारतीय सेना ने ‘सिर्फ सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया’, भारत की नैतिक सैन्य परंपरा को दर्शाता है। यह संयम भारत को विश्व मंच पर एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में स्थापित करता है।
4. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस और ब्रह्मोस परियोजना का संयोग
11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन ब्रह्मोस इकाई का उद्घाटन महज एक तिथि का संयोग नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक प्रतीक है। यह उस वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी आत्मनिर्भरता का उत्सव है जिसकी नींव 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षणों से पड़ी थी। ब्रह्मोस जैसी उन्नत मिसाइल प्रणाली का निर्माण और परीक्षण देश के रक्षा उत्पादन को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बना रहा है।
5. यूपी डिफेंस कॉरिडोर: स्थानीय से राष्ट्रीय तक का विस्तार | Rajnath Singh
उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सफलता लखनऊ से झांसी, कानपुर, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ तक फैलेगी। यह न केवल सैन्य उत्पादों के निर्माण का केंद्र बनेगा, बल्कि छोटे और मझोले उद्योगों के लिए भी सहायक सिद्ध होगा। यह योजना न केवल रक्षा क्षेत्र को मज़बूत करेगी, बल्कि स्थानीय आर्थिक ढांचे को भी सशक्त बनाएगी।
Indian Air Force: सीजफायर के बीच भारतीय वायुसेना ने कर दिया ये बड़ा ऐलान!