
Jammu-Kashmir Encounter: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अंतर्गत आने वाले अवंतीपोरा उपमंडल के त्राल क्षेत्र के नादेर गांव में गुरुवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ आरंभ हो गई। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान प्रारंभ किया। जैसे ही सुरक्षा बल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़े, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी सतर्कता के साथ जवाबी कार्रवाई की, जिससे मुठभेड़ प्रारंभ हो गई जो समाचार लिखे जाने तक जारी थी। Jammu-Kashmir News
यह इस सप्ताह की दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले, 13 मई को शोपियां जिले में एक बड़ी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा संगठन के तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों में संगठन का परिचालन प्रमुख (ऑपरेशनल चीफ) शाहिद कुट्टे भी शामिल था।
सीमा पार से बढ़ते खतरे और भारत की कड़ी प्रतिक्रिया | Jammu-Kashmir News
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के पालन हेतु एक समझौते की घोषणा हुई थी, जो शाम 5 बजे से लागू हुआ। किन्तु समझौते के कुछ ही घंटे बाद, जम्मू जिले के नगरोटा क्षेत्र में स्थित व्हाइट नाइट कोर मुख्यालय के बाहर एक संतरी चौकी पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुट संघर्षविराम का सम्मान नहीं कर रहे हैं। इससे पूर्व 22 अप्रैल को अनंतनाग ज़िले के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित कुल 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को उत्तरदायी ठहराया।
भारत सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर इन हत्याओं का मुँहतोड़ जवाब दिया। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि देश की धरती पर कोई आतंकी कृत्य होता है, तो उसे युद्ध के समान माना जाएगा।
सीमा क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक | Jammu-Kashmir News
लगातार हो रही गोलीबारी और मोर्टार हमलों के कारण नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बसे नागरिक क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। अब तक 200 से अधिक घर और दुकानों को नुकसान पहुँचा है, जिससे सैकड़ों परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा है। प्रभावित परिवार अभी भी वापस लौट नहीं पाए हैं क्योंकि सुरक्षाबल उन क्षेत्रों में निष्क्रिय मोर्टार और अन्य विस्फोटकों को हटाने में लगे हुए हैं।
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