Delhi HC: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कलानिधि मारन की 1,300 करोड़ के हर्जाने वाली याचिका पर लिया बड़ा फैसला

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Delhi HC: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कलानिधि मारन की 1,300 करोड़ के हर्जाने वाली याचिका पर लिया बड़ा फैसला

Delhi HC Kalanithi Maran Appeal dismissed: नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केएएल एयरवेज और उद्योगपति कलानिधि मारन द्वारा दायर उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें स्पाइसजेट से 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने और अन्य दावों की मांग की गई थी। यह जानकारी बजट एयरलाइन स्पाइसजेट ने अपनी नियामकीय फाइलिंग में दी। Delhi HC News

स्पाइसजेट ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि, “ये दावे पहले ही आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जा चुके हैं। कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज ने प्रारंभ में मध्यस्थता के दौरान 1,300 करोड़ रुपये से अधिक की क्षतिपूर्ति की मांग की थी, किंतु सुप्रीम कोर्ट के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति ने जांच के बाद उन्हें अस्वीकार कर दिया।” इन दावों को खारिज किए जाने के बाद, केएएल एयरवेज और मारन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ में पुनः अपील की, जिसे वहां भी स्वीकृति नहीं मिली। इस निर्णय के बाद, सोमवार को दोपहर के समय स्पाइसजेट के शेयरों में लगभग 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और बीएसई पर यह ₹44.97 प्रति शेयर तक पहुँच गया।

स्पाइसजेट को पहले कलानिधि मारन ने अधिग्रहित किया था

स्पाइसजेट को पहले कलानिधि मारन ने अधिग्रहित किया था, परंतु वित्तीय संकट के चलते उन्होंने जनवरी 2015 में एयरलाइन को अजय सिंह को वापस सौंप दिया। उस समय के सौदे के अंतर्गत कहा गया था कि केएएल एयरवेज ने स्पाइसजेट को 679 करोड़ रुपये का भुगतान किया था ताकि उन्हें वारंट और प्रेफरेंस शेयर जारी किए जाएँ। मारन का आरोप था कि कंपनी ने न तो ये शेयर जारी किए, और न ही राशि लौटाई। ट्रिब्यूनल ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि जनवरी 2015 के शेयर बिक्री समझौते में किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं हुआ।

हालांकि, न्यायाधिकरण ने यह भी आदेश दिया कि कलानिधि मारन को 29 करोड़ रुपये का पीनल ब्याज देना होगा, जबकि अजय सिंह को 579 करोड़ रुपये का भुगतान ब्याज सहित करना होगा। 2017 में केएएल एयरवेज और मारन ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन मामला उनके पक्ष में नहीं गया। अब, उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अपील खारिज किए जाने के साथ ही यह मामला स्पाइसजेट के लिए एक बड़ी कानूनी सफलता मानी जा रही है। Delhi HC News

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