कैथल, सच कहूँ/कुलदीप नैन। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने करीब छह वर्ष पूर्व सीबीआई को आदेश जारी किए थे कि वे हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 2014 से लेकर 2016 के बीच कथित तौर पर करीब चार लाख फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर जारी हुए सरकारी फंड की जांच करे और ऐसे सभी विद्यार्थियों का विवरण दिया जाए लेकिन सीबीआई अभी तक इस केस में जांच पूरी नहीं कर पाई है। सीबीआई ने एक बार फिर जांच के लिए कोर्ट से समय बढ़ाए जाने की मांग की है। वहीं कोर्ट ने हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के महानिदेशक को निर्देश भी दिया है कि वे जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करें और संबंधित दस्तावेज शीघ्रता से उपलब्ध कराएं।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब कैथल जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय से भी इस जांच से संबंधित जिले के ऐसे सभी सरकारी स्कूलों का रिकॉर्ड मांगा गया है, जिनमें ये फर्जी दाखिले हुए थे। सी.बी.आई. द्वारा उक्त केस को लेकर जिले के सभी सरकारी स्कूलों से अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा बी.पी.एल. से संबंधित छात्रों व छात्राओं की जानकारी मांगी गई है, जिसमें छात्र व छात्राओं की वर्दी, वन टाइम अलाऊंस, स्टाईफंड, स्टेशनरी, बैग, प्रोत्साहन राशि व मिड-डे मील आदि की जानकारी जुटाना शामिल है। कैथल में डीईईओ ऑफिस के कर्मचारियो और सरकारी स्कूल के मुखियाओं की ड्यूटी अब इस रिकॉर्ड को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लगा दी गई है।
अगले हफ्ते में डाटा इकट्ठा होने की उम्मीद
बता दे कि कैथल जिले में भी विभिन्न सरकारी स्कूलों में ऐसे छात्रों के नाम पर फंड आवंटन हुआ है , ऐसे छात्र या तो निजी में स्कूलों में पढ़ रहे थे या उनका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले हफ्ते में जिला मौलिक शिक्षा विभाग ये सारा डाटा इकठ्ठा कर लेगा और उसके बाद जिले की पूरी रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी जाएगी।
3 जून तक देना था डाटा
जिला मौलिक शिक्षा विभाग कैथल को ये डाटा 3 जून तक देना था लेकिन स्कूलों से डाटा प्राप्त न होने के चलते ये अभी तक लंबित पड़ा हुआ है। अब कैथल जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को ये डाटा 9 जून तक देना है। चूंकि मामला करीब 10 से 11 साल पुराना है तो इस करके डाटा इक्कठा करने में कर्मचारी और अध्यापकों को दिक्कतें आ रही है। इस करके कही पर फाइल नहीं मिल रही तो कही पर कंप्यूटर से रिकॉर्ड नहीं मिल रहा।
कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है
जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय से प्राप्त सूचना के आधार पर फर्जी दाखिलों के रिकॉर्ड के लिए संबंधित सभी विद्यालय मुखिया और संबंधित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी स्कूलों से डाटा प्राप्त किया जा रहा है। उम्मीद है अगले हफ्ते पूरा डाटा उपलब्ध हो जाएगा और जल्द ही रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी जाएगी।