Haryana News: भिवानी (इन्द्रवेश)। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष प्रो. डॉ. पवन कुमार, उपाध्यक्ष सतीश कुमार एवं सचिव डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि सीनियर सैकेंडरी की एक दिवसीय एवं सैकेंडरी के प्रवेश पत्र शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बीएसईएच डॉट ओआरजी डॉट इन पर 27 जून को लाईव कर दिए गए हैं। प्रदेशभर में इस परीक्षा हेतु कुल 65 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। परीक्षा का समय दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा की कंपार्टमैंट की एक दिवसीय परीक्षा का संचालन 4 जुलाई को करवाया जाएगा। इस परीक्षा में 16 हजार 842 परीक्षार्थी प्रविष्ठ होंगे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 5 जुलाई से 14 जुलाई तक संचालित होंगी। इस परीक्षा में 10 हजार 794 परीक्षार्थी प्रविष्ठ होंगे। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के सफल संचालन एवं पवित्रता बनाए रखने के लिए शिक्षा बोर्ड ने तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। परीक्षाओं की शुचिता, विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर पूर्ण समय के लिए निरीक्षण हेतु आब्जर्वर भी नियुक्त किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त 27 प्रभावी उडऩदस्तों का गठन भी किया गया है। सभी परीक्षा केन्द्रों के आसपास परीक्षा के दौरान धारा-163 लागू रहेगी। परीक्षा वाले दिन शिक्षा बोर्ड द्वारा बनाए गए सभी परीक्षा केंद्रों के आसपास 500 मीटर की परिधि तक भवनों के निकट फोटोस्टेट की दुकानें व कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी प्रवेश-पत्र पर दी गए दिशा-निर्देंशों की पालना करते हुए परीक्षा आरंभ होने से 30 मिनट पूर्व परीक्षा केंद्र पर पहुंचना सुनिश्चित करें। परीक्षा केन्द्र पर इलैक्ट्रोनिक सामान जैसे मोबाईल, कैलकुलेटर, पेजर एवं गैजेट आदि व अनुचित साधन प्रयोग संबंधी सामग्री का प्रयोग वर्जित है। यदि कोई छात्र/अध्यापक नकल में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करें स्वास्थ्य अधिकारी: आरती सिंह राव
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने चंडीगढ़ में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभागों की कार्यप्रणाली और चल रहे स्वास्थ्य परियोजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। बैठक के दौरान, मंत्री ने अधिकारियों से स्वास्थ्य परियोजनाओं के निर्माण कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए और इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों की निमार्णाधीन इमारतों के विकास की निगरानी और समन्वय के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को फामेर्सी नीति को बिना किसी देरी के अंतिम रूप देने और फार्मासिस्ट तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दिए ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं में उचित स्टाफ मिल पाए। एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कदम के तहत, मंत्री ने यह पुन: स्पष्ट किया कि सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क कर दिया गया है, भले ही मरीज की आय कोई भी हो। उन्होंने राज्यभर में डायलिसिस सेवाओं के बारे में कहा कि यह सेवा समान रूप से पारदर्शी तरीके से बिना किसी रुकावट के रोगी को मिले, ऐसा सुनिश्चित हो।
गुरुग्राम में मॉरिशस से लाए गए युवक ने फांसी लगाकर जान दी
गुरुग्राम। गुरुग्राम में जॉब की तलाश में आए एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। युवक डूंडाहेड़ा स्थित किराए के मकान में सीढ़ी पर फंदा से लटका पाया गया। आस-पास के लोगों ने युवक को देखा तो सूचना पुलिस को दी। मृतक युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिला के गांव धरमौली निवासी सुभाष यादव के रूप में हुई है। सुभाष मॉरिशस से भारत में डिपोर्ट होने के बाद गुरुग्राम पहुंचा था। उद्योग विहार थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सुभाष के मोबाइल से उसके के बड़े भाई प्रभुनाथ यादव को जानकारी दी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सुभाष को वीजा संबंधी कागजातों में खामियां मिलने के कारण मॉरिशस में एंट्री नहीं मिली। 17 जून को उसे मुंबई डिपोर्ट कर दिया गया। मुंबई से सुभाष सीधा गुरुग्राम के डूंडाहेड़ा पहुंचा और किराए के मकान में रहने लगा। रविवार रात सुभाष ने मकान की छत पर सुसाइड कर लिया। हालांकि परिजनों का आरोप है कि सुभाष ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है। परिवार के लोग विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सुभाष ने आत्महत्या की है। परिवार के लोगों ने पुलिस से हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। सुभाष के चचेरे भाई अनिल कुमार यादव का आरोप है कि बिहार के असगर नाम का युवक सुभाष को जानता था। अगसर ने ही सुभाष को शिव ठाकुर नाम के एजेंट से मिलवाया था। आरोप है कि इन्हीं लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए जिस कारण सुभाष को वापस इंडिया आना पड़ा। सुभाष ने असगर और एजेंट से पैसे वापस मांगे थे, लेकिन एजेंट ने रुपये देने से इंकार कर दिया जिससे सुभाष टेंशन में भी था।