Snake News:”सांप काटे तो घबराएं नहीं! इस पौधे से उतर सकता है जहर!, वैज्ञानिकों ने भी माना…

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Snake News:"सांप काटे तो घबराएं नहीं! इस पौधे से उतर सकता है जहर!, वैज्ञानिकों ने भी माना...

Snake News: अनु सैनी। भारत जैसे विविधता भरे देश में सांप काटने की घटनाएं आज भी कई ग्रामीण और जंगलों से सटे क्षेत्रों में आम हैं। खासतौर पर बरसात के मौसम में यह समस्या अधिक बढ़ जाती है जब सांपों की सक्रियता बढ़ जाती है और वे घरों, खेतों और झाड़ियों में आ जाते हैं। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले तो अक्सर डर, घबराहट और जानकारी के अभाव में गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है।
लेकिन अब एक देसी पौधा नागदौन (Leucas Aspera), जो हर गांव, खेत और झाड़ियों में आसानी से पाया जाता है, नई उम्मीद बनकर सामने आया है। इस पौधे को आयुर्वेद में ‘ड्रोण पुष्पी’ के नाम से जाना जाता है। लोक परंपराओं के अनुसार, इस पौधे की पत्तियों और रस का प्रयोग कर विषैले सांपों के काटे का प्राथमिक इलाज किया जाता रहा है और हालिया वैज्ञानिक शोधों ने भी इस दावे को मजबूती दी है।

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नागदौन: गांवों की प्राकृतिक दवा | Snake News

नागदौन एक छोटा झाड़ीदार पौधा है, जिसके पत्ते मुलायम और सफेद रंग के फूलों वाले होते हैं। यह पौधा खासकर उत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिण भारत के अनेक इलाकों में जंगली रूप में उगता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे एक विषनाशक और जीवाणुरोधी पौधे के रूप में वर्णित किया गया है।
ग्रामीण और वनवासी समुदायों में, जहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं समय पर नहीं पहुंच पातीं, वहां पर नागदौन वर्षों से सांप काटने जैसी आपात स्थितियों में एक रामबाण औषधि के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।

सांप काटे पर कैसे करें नागदौन का उपयोग? Snake News:

जब किसी को सांप काट ले तो सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि स्थिति को समझदारी से संभालना चाहिए और प्राथमिक उपचार तुरंत शुरू करना चाहिए। नीचे दिए गए चरणों में नागदौन का उपयोग किया जा सकता है:
1. पत्तों का चयन
नागदौन के कुछ ताजे और हरे पत्ते लें। इन्हें अच्छी तरह पानी से धो लें ताकि उस पर कोई मिट्टी या कीट न हो।
2. रस निकालें
पत्तों को कूटकर या पीसकर उनका रस निकालें। यदि मिक्सर या सिलबट्टा हो, तो उसका उपयोग भी किया जा सकता है।
3. घाव पर लगाएं
सांप ने जहां काटा है, उस जगह को हल्के गर्म पानी से साफ करके नागदौन का ताजा रस तुरंत लगाएं। यह घाव के पास फैले विष को निष्क्रिय करने में सहायक होता है।
4. पीने के लिए भी उपयुक्त
कुछ जगहों पर यह भी परंपरा रही है कि नागदौन का थोड़ी मात्रा में रस रोगी को पिलाया जाता है, ताकि शरीर के अंदर फैले जहर पर यह असर दिखा सके।
5. बांधने से बचें
पुराने समय में घाव के ऊपर कसकर रस्सी या कपड़ा बांधा जाता था, लेकिन अब यह तरीका खतरनाक माना जाता है। इससे रक्त संचार रुकता है और ऊतकों को नुकसान पहुंचता है।

डॉक्टर की मदद लेना न भूलें | Snake News

हालांकि नागदौन का उपयोग बहुत प्रभावशाली माना गया है, लेकिन यह केवल प्राथमिक उपचार के लिए है। सांप अगर विषैला हो, जैसे कोबरा, करैत या रसेल वाइपर, तो जहर बहुत तेजी से शरीर में फैलता है। ऐसे में रोगी को जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना बेहद जरूरी है।
एंटी-वेनम इंजेक्शन ही एकमात्र पक्का इलाज है, इसलिए देसी इलाज के साथ डॉक्टर की मदद ज़रूर लें।
वैज्ञानिक रिसर्च में भी मिला समर्थन
वर्ष 2017 में एक बायोमेडिकल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नागदौन की पत्तियों और फूलों में कुछ ऐसे रसायन पाए गए हैं जो तंत्रिका तंत्र पर असर डालने वाले विष को निष्क्रिय करने में सक्षम होते हैं। इनमें फ्लावोनॉइड्स, टैनिन्स, सैपोनिन्स और टेरपीनोइड्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं।
इस शोध में यह भी पाया गया कि नागदौन में जीवाणु और फंगस नाशक गुण होते हैं, जिससे यह घाव को संक्रमित होने से भी बचाता है।

अन्य रोगों में भी उपयोगी

नागदौन सिर्फ सांप काटने में ही नहीं, बल्कि बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी, त्वचा रोग, चोट और जलन में भी पारंपरिक रूप से इस्तेमाल होता रहा है। इसकी पत्तियों को जलाकर धुआं देने से मच्छर भी भाग जाते हैं।
कुछ आयुर्वेदिक दवाएं जैसे “ड्रोण पुष्पी अर्क” और “नागदौन सिरप” बाजार में भी उपलब्ध हैं, जो कई रोगों में लाभकारी मानी जाती हैं।

गांवों की अमूल्य धरोहर, जिसे पहचानने की ज़रूरत

आज जब आधुनिक जीवनशैली में हम केमिकल दवाओं पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं, तब ये पारंपरिक देसी ज्ञान हमें फिर से प्रकृति की ओर लौटने की प्रेरणा देता है। नागदौन जैसे औषधीय पौधे न सिर्फ हमारी लोक परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में जान भी बचा सकते हैं।
सांप के काटने पर घबराहट से स्थिति और बिगड़ जाती है। लेकिन अगर सही जानकारी हो, तो नागदौन जैसे प्राकृतिक उपाय से समय रहते बड़ा खतरा टाला जा सकता है। यह उपाय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हालांकि आधुनिक चिकित्सा की अनदेखी न करें और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें। लेकिन जब तक अस्पताल तक पहुंचें, तब तक यह देसी उपाय आपके लिए जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है।

सावधानी: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है, और इसे किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।