वित्त मंत्री ने पांच प्रमुख करदाताओं को किया सम्मानित
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Punjab News: पंजाब के वित्त, योजना एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्ति में 27.01 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया है। चीमा ने शीर्ष पांच करदाताओं को राज्य के आर्थिक विकास और राजस्व उत्पादन में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना करते हुए समावेशी विकास और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में जिम्मेदार करदाताओं की महत्ता पर जोर दिया। Punjab News
सम्मानित किए गए करदाताओं में अम्बूजा सीमेंट से आशु अग्निहोत्री, एच. पी. सी. एल- मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एच. एम. ई. एल) से संजय मल्होत्रा, सैमसंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से चमन लाल शर्मा, टाटा स्टील से अंकुश शर्मा और दादा मोटर्स से नितिन दादा शामिल रहे। वित्त मंत्री के साथ सचिव कराधान अजीत बालाजी जोशी एवं कर आयुक्त जतिन्द्र जोरवाल भी हाजिर थे, ने बताया कि पंजाब ने जीएसटी विकास में राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है और सीमावृत्ती तनाव समेत राष्ट्रीय और भू-राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद टैक्स जुटाने में अपने आप को सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मजबूती से स्थापित किया है। Punjab News
उन्होंने कहा कि जून 2025 के लिए शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 2379.90 करोड़ रुपये रही, जो कि जून 2024 में प्राप्त हुए 1647. 69 करोड़ रुपये के मुकाबले 732. 21 करोड़ रुपये के शानदार राजस्व वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले अप्रैल में 15.35 प्रतिशत और मई में 24.59 प्रतिशत के प्रति महीना शुद्ध विकास रुझानों स्वरूप मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव के बावजूद वित्तीय साल 2025- 26 की पहली तिमाही के दौरान शुद्ध जीएसटी प्राप्तियां 6830.40 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। Punjab News
उन्होंने कहा कि वित्तीय साल 2024- 25 की पहली तिमाही के दौरान प्राप्ति 5377.75 करोड़ रुपये के राजस्व स्वरूप दर्ज की गई 6.41 प्रतिशत विकास दर के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही के दौरान चार गुणा से अधिक विकास दर हासिल हुई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि स्टेट इंटेलिजेंस एंड प्रीवेंटिव यूनिट (एसआईपीयू) ने एक लेखाकार द्वारा चलाए जा रहे जी. एसटी धोखाधड़ी सिंडिकेट का पदार्फाश किया गया है, जिसकी तरफ से जाली बिलिंग और आईटीसी धोखाधड़ी के लिए 20 जाली फर्में बनाई व चलाई जा रही थीं। प्राथमिक जांच में 866.67 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेन-देन का पता चला है, जिससे 157.22 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी होने का अनुमान है। इसके इलावा, विभाग ने एक बड़े जीएसटी चोरी घोटाले का पदार्फाश किया है जिसमें मेसर्स माँ दुर्गा रोडलाइनज, जोकि एक ट्रांसपोर्टर के तौर पर रजिस्टर्ड है, 168 करोड़ रुपए के जाली ई-वे बिल बनाने और असीमित सामान की ढुलाई में शामिल पाया गया, जिसमें 30.66 करोड़ रुपये की कर देनदारी शामिल है। Punjab News
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