IMD Alert: सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार। पश्चिम मानसून ने उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश व राजस्थान में जमकर नुकसान किया। आगामी दिनों में भी राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। दूसरी तरफ भारत मौसम विभाग ने 3 जुलाई से 5 जुलाई तक हरियाणा, पंजाब व देश की राजधानी दिल्ली में तेज बारिश की आंशका जताई है। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ की मार जैसी स्थिति बनी रहेगी। मानसून की तीव्रता और नदियों-नालों के उफान ने सैलानियों को मुश्किल में डाल दिया है और राज्य के कुछ हिस्सों में बुनियादी ढांचा बर्बाद हो गया। बादल फटने, भूस्खलन, जलभराव और भारी बारिश की घटनाओं ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के आपदा नियंत्रण केंद्र ने भूस्खलन संभावित स्थानों की पहचान की है, जिनमें सांचोल क्षेत्र को सबसे संवेदनशील घोषित किया गया। कांगड़ा जिले का मुख्यालय धर्मशाला और शिमला जिले का जतोग भी हाई रिस्क जोन में शामिल किए गए हैं। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों के लिए भी हिमाचल प्रदेश में राजस्थान में रेड अलर्ट घोषित किया है।
मंडी जिले में बीते 24 घंटों में 217 मिमी भारी बारिश हुई है, जिसे वर्षा की बाढ़ कहा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी व हरियाणा में यमुना नदी जबरदस्त उफान पर चल रही है। जिससे इसके निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। पंडोह डैम में पानी का भारी प्रवाह होने के कारण करीब 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे स्थि और बिगड़ गई है। पर्यटकों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए अस्थायी आश्रयों में पहुंचाया गया है, जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता। IMD Alert
राज्य में भीषण मौसम की स्थिति एक साथ कई मौसमी तंत्रों के सक्रिय होने के कारण उत्पन्न हुई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने हाल ही में पहाड़ी राज्यों में दस्तक दी है और पश्चिमी विक्षोभ ने इस मानसूनी तीव्रता को और बढ़ा दिया है। इसके साथ ही मानसून ट्रफ की हिमाचल के करीब सक्रियता ने इस स्थिति को और विकराल बना दिया है। पहाड़ी भू-भाग की जटिलता ने राहत और बचाव कार्यों को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच में कठिनाई के कारण राहत कार्यों मे बाधाएं आ रही हैं। मंडी जिले में बीते 24 घंटों में 217 मिमी भारी बारिश हुई है, जिसे वर्षा की बाढ़ कहा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी व हरियाणा में यमुना नदी जबरदस्त उफान पर चल रही है। जिससे इसके निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। पंडोह डैम में पानी का भारी प्रवाह होने के कारण करीब 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे स्थि और बिगड़ गई है। पर्यटकों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए अस्थायी आश्रयों में पहुंचाया गया है, जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता।
राज्य में भीषण मौसम की स्थिति एक साथ कई मौसमी तंत्रों के सक्रिय होने के कारण उत्पन्न हुई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने हाल ही में पहाड़ी राज्यों में दस्तक दी है और पश्चिमी विक्षोभ ने इस मानसूनी तीव्रता को और बढ़ा दिया है। इसके साथ ही मानसून ट्रफ की हिमाचल के करीब सक्रियता ने इस स्थिति को और विकराल बना दिया है। पहाड़ी भू-भाग की जटिलता ने राहत और बचाव कार्यों को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच में कठिनाई के कारण राहत कार्यों मे बाधाएं आ रही हैं। IMD Alert