
गाजियाबाद (सच कहूँ /रविंद्र सिंह)। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद की पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना साइबर क्राइम, गाजियाबाद ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि और बीमा लोकपाल बनकर लोगों को झांसा देकर करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहा था। मीडियाकर्मियों को यह जानकारी डीसीपी सिटी धवल जायसवाल ने दी। उन्होंने बताया कि गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 5 मोबाइल फोन, 1 लैंडलाइन डिवाइस, 2 चेक, 1 एटीएम कार्ड, 1.83 लाख रुपए नकद, महिंद्रा एक्सयूवी 500 कार समेत ठगी में प्रयुक्त कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस गिरोह ने तीन राज्यों (उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु) में लगभग 44 लाख रुपए की साइबर ठगी को अंजाम दिया था। गिरोह के सदस्य आम नागरिकों को बिटकॉइन निवेश, ऑनलाइन टास्क फ्रॉड और होटल बुकिंग के नाम पर ठगते थे।
ऐसे करते थे साइबर ठगी
डीसीपी सिटी, धवल जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी खुद को बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि बताकर बीमा पॉलिसीधारकों को फोन करते थे। उन्हें पॉलिसी से अधिक लाभ देने और बोनस दिलाने का झांसा देकर फर्जी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाते थे। इसके लिए आरोपी फर्जी पहचान पर सिम कार्ड और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। पैसों को एटीएम से निकालकर आपस में बांट लेते थे। गिरोह के सदस्यों ने स्वीकार किया है कि वे पहले बीमा कंपनियों में काम कर चुके थे, जिससे उन्होंने ग्राहकों का डेटा प्राप्त कर इस फ्रॉड को अंजाम दिया।
मुख्य आरोपी और उनकी भूमिका
डीसीपी सिटी श्री जायसवाल ने बताया किरवि प्रताप (38), पूर्व बीमा कंपनी कर्मचारी, गैंग का मास्टरमाइंड है। विकास कुमार (39), बीकॉम स्नातक, कॉलिंग और खाता संचालन करने में सक्रिय सदस्य है। नीलम प्रताप (30), बीए स्नातक, खातों का लेनदेन संभालता था। अनुज कुमार (23), 6वीं पास, फर्जी खातों का संचालन करता था गंजन (सहयोगी), होटल बुकिंग और ऑनलाइन टास्क फ्रॉड में शामिल ।
तीन राज्यों में की गई ठगी का खुलासा
1-गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): महिपाल बिष्ट नामक व्यक्ति से 36 लाख की बिटकॉइन निवेश के नाम पर ठगी। 2-हैदराबाद (तेलंगाना): नरसिम्हा नामक व्यक्ति से 8 लाख रुपये का ऑनलाइन टास्क फ्रॉड। 3-नीलगिरी (तमिलनाडु): होटल बुकिंग के नाम पर 35,000 रुपये की ठगी। डीसीपी सिटी ने बताया कि मुख्य आरोपी रवि प्रताप और विकास कुमार पूर्व में दिल्ली साइबर क्राइम द्वारा भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपी अनुज पर थाना राठ, जालौन में चोरी के दो मुकदमे दर्ज हैं।आरोपियों ने ठगी से प्राप्त पैसों से कार खरीदी, जिसका इस्तेमाल एटीएम से पैसे निकालने और कॉलिंग के लिए किया जाता था। बताया कि साइबर टीम द्वारा जब्त मोबाइल डिवाइस, बैंक खातों और बीमा कंपनियों के डेटा की फोरेंसिक जांच की जा रही है। साथ ही तेलंगाना और तमिलनाडु की पुलिस से संपर्क कर विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।टीम को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई ।