Second hand car trends in India: मुंबई। भारत में पुरानी कारों का बाजार तेज़ी से विस्तृत हो रहा है और वर्ष 2025 के अंत तक इसकी कुल बिक्री 60 लाख यूनिट के पार पहुंचने की संभावना है। यह वृद्धि उपभोक्ताओं की किफायती विकल्पों के प्रति जागरूकता, डिजिटल माध्यमों की स्वीकार्यता और आसान वित्तीय सुविधाओं के चलते हो रही है। शुक्रवार को जारी एक नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। Used car market India 2025
क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, पुरानी कारों की बिक्री में हर वर्ष 8 से 10 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है, जो नई कारों की बिक्री की वृद्धि दर से दोगुनी से अधिक है। इस बढ़ते रुझान के कारण, इस वर्ष पुरानी और नई कारों की बिक्री का अनुपात बढ़कर 1.4 हो गया है, जबकि पांच वर्ष पहले यह अनुपात 1 से भी कम था। यह परिवर्तन उपभोक्ता व्यवहार में आ रहे स्थायी बदलाव को दर्शाता है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि भारत में पुरानी कारों का बाजार मूल्य अब लगभग 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच चुका है, जो नई कारों की बिक्री के मूल्य के लगभग बराबर है। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक श्री अनुज सेठी के अनुसार, “यह अनुपात दर्शाता है कि लोग नई कारों की तुलना में अब बेहतर स्थिति में मौजूद पुरानी कारों को प्राथमिकता देने लगे हैं। इसके अतिरिक्त, वाहन बदलने की औसत अवधि घटकर अब लगभग 3.7 वर्ष हो गई है, जो यह संकेत देती है कि उपभोक्ता अपने वाहनों को पहले की तुलना में तेजी से बदल रहे हैं।” Used car market India 2025
इस रुझान में एक महत्वपूर्ण भूमिका डिजिटल माध्यमों की है, जिनके माध्यम से ग्राहकों को पारदर्शिता, आसान चयन, और बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। इससे लोगों का भरोसा संगठित सेक्टर की ओर बढ़ा है।
नई कारों की आपूर्ति में देरी का असर | Used car market India 2025
नई कारों के निर्माण में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण कच्चे माल, जैसे कि रेयर अर्थ मिनरल और सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी के चलते, वाहन कंपनियों को आपूर्ति में देरी हो रही है। ऐसे में कई ग्राहक त्वरित विकल्प के रूप में पुरानी कारों की ओर रुख कर रहे हैं।
क्रिसिल द्वारा विश्लेषित छह प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म — जिनमें निर्माता कंपनियों द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं — भारत के संगठित पुरानी कार बाजार का लगभग 50% हिस्सा रखते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में इन प्लेटफॉर्म्स की भागीदारी कुल यूज़्ड कार बिक्री में लगभग एक-तिहाई है।
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक सुश्री पूनम उपाध्याय के अनुसार, “यद्यपि उच्च लागत के चलते मार्जिन पर दबाव है, फिर भी निरीक्षण, बीमा, वित्त और होम डिलीवरी जैसी एकीकृत सेवाओं की बढ़ती मांग इस क्षेत्र को आगे चलकर लाभप्रद स्थिति में ला सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि कंपनियाँ लागत नियंत्रण बनाए रखती हैं और मांग निरंतर बनी रहती है, तो आने वाले समय में अधिकांश प्लेटफॉर्म संचालन स्तर पर लाभ अर्जित करने में सफल हो सकते हैं।
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