1 दिन में 4 गुना पानी में बढ़ौतरी
- गुहला चीका हेड पर 12 घंटे में बढ़कर दोगुना हुआ पानी
जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Jakhal News: शिवालिक की पहाड़ियों और घग्घर नदी के तट क्षेत्रों पर हो रही बारिश के कारण घग्घर नदी के जलस्तर में पीछे से तेज़ी से वृद्धि हुईं दर्ज की गईं है। इसके चलते जाखल क्षेत्र से गुजरती नदी के चांदपुरा साइफन पर जलस्तर में बढ़त देखने को मिली है। नदी के गुहला चीका पर गुरुवार शाम को 7700 क्यूसेक जलस्तर आंका गया था, जो शुक्रवार शाम को बढ़कर 18 हज़ार 480 क्यूसेक से पार हो गया है। पीछे से जलस्तर में तेज़ी से उछाल आने के कारण चांदपुरा साइफन पर भी जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गईं है।
बता दें कि चांदपुरा साइफन पर बुधवार को जलस्तर 500 क्यूसेक मापा गया था, जबकि शुक्रवार को सुबह 2150 क्यूसेक वहीं शाम को यहां भी पानी बढ़कर 2350 क्यूसेक तक पहुंच गया है। हालांकि अभी नदी के जलस्तर का ये आंकड़ा नदी की क्षमता से कई गुना नीचे है। ऐसे में फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में मानसूनी बरसातों का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो पीछे से पानी आने पर चांदपुरा साइफन पर भी जल का स्तर बढ़ने का अनुमान है। Jakhal News
गौरतलब है कि मंगलवार शाम तक नदी में नाममात्र ही पानी बह रहा था। उस दौरान गुहला चीका हेड पर मात्र 308 क्यूसेक पानी दर्ज किया था, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में वर्षा होने के कारण बुधवार से यहां जलस्तर तेज़ी से बढ़ने लगा है। नदी में पीछे से तेज़ी से बढ़ रहें पानी के मद्देनजर आने वाले दिनों में नदी के चांदपुरा साइफन पर भी जलस्तर अधिक बढ़ने की आशंका से लोग चिंतित हैं।
मौसम विभाग की तरफ से जारी अलर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है। इस बात को ध्यान में रखते हुए खासकर नदी के तट क्षेत्रों के लोग भयभीत है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब व हरियाणा से बारिश का पानी घग्घर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचता है। यहां नदी की जल क्षमता से फिलहाल जलस्तर कई गुना नीचे है। वहीं आने वाले दिनों में यहां जलस्तर बढ़ने के अनुमान को लेकर जिम्मेदार अधिकारी बाढ़ की आशंका को लेकर बचाव संबंधी उचित प्रबंधन होने का दावा कर रहे हैं।
क्या कहते है अधिकारी | Jakhal News
इस बारे में सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता पवन नैन ने बताया कि यह घग्घर एक बरसाती नदी है, इतना पानी चलना इसमें आम बात है, घग्घर में पानी बहने से इसके तटीय किसानों को काफी फायदा पहुंचता है आसपास जलस्तर ऊंचा उठता है। अगर भविष्य में पिछे पहाड़ी क्षेत्रों ज्यादा बरसात होती है, तो घबराने की कोई बात नहीं प्रशासन की ओर से उचित प्रबंध किए हुए हैं।
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