
New Expressway in UP: अनु सैनी। उत्तर प्रदेश में पिछले काफी दिनो से लगातार एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा हैं, प्रदेश को कई एक्सप्रेसवे का तोहफा मिल चुका हैं, जबकि कई अन्य जल्द ही आम जनता के लिए खोले जा सकते हैं, और इस लिस्ट में जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे जुड़ने वाला हैं।
कम हो जाएगी दूरी | New Expressway in UP
बता दे कि नए एक्सप्रेसवे का नाम गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे होगा, इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दिल्ली-गाजियाबाद से न केवल कानपुर की दूरी कम हो जाएगी, बल्कि इससे काफी फायदा भी होगा।
9 जिलों से गुजरेगा ये एक्सप्रेसवे
गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे से 9 जिले जुडेंगे, इसमें गाजियाबाद, हापुड, बुलंदशहर, अलीगढ, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नावन और कानपुर जिला शामिल हैं।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे होता कनेक्ट
वही इस एक्सप्रेसवे की खास बात ये है कि यह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसिव होगा और यहां औद्योगिक केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
4 लेन का होगा ये एक्सप्रेस-वे
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेस-वे शुरुआत में चार लेन एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे बाद में 6 लेन तक बढ़ा दिया जाएगा।
जाम की समस्या से पाएं छुटकारा | New Expressway in UP
वहीं नई दिल्ली और इसके आसपास से कानपुर जाने वाले यात्रियों को जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ समय की भी बचत होगी।
5 घंटे में तय हो जाएगा सफर
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद गाजियाबाद से कानपुर पहुंचने में करीब 5 घंटे का ही समय लगेगा। कानपुर को इस बाद में नोएडा जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ने पर विचार किया जा रहे हैं।
कहा से जोड़ा जाएगा?
बता दे कि इसका उत्तरी छोर गाजियाबाद हापुर हाईवे से जुड़ा होगा, जबकि दक्षिणी छोर 62.7 किलोमीटर लंबे कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस के साथ कनेक्ट होगा।
मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
वही इसको पहले हापुड़ से कानपुर तक बनाया जाना था, लेकिन इसमें बदलाव किया गया और फिर एक्सप्रेसवे से हापुड़ को जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड का निर्माण किया जाएगा। इससे यह एक्सप्रेसवे हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा।
कब तक पूरा होगा ये कार्य
वही गाजियाबाद से कानपुर के बीच एक्सप्रेसवे के बनने के बाद दिल्ली एनसीआर से यूपी के कई शहरों की पहुंच आसानी से हो जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जारी है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसको 2026 तक पूरा करने की उम्मीद है।