शादी से पहले लिए साढ़े तीन लाख रुपए, सोने-चांदी के जेवरात भी हड़पे
Hanumangarh marriage fraud case: हनुमानगढ़। टाउन थाना क्षेत्र में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो अविवाहित लोगों से सम्पर्क कर रिश्ता तय करता है। रिश्ता तय होने के बाद गिरोह सदस्यों की ओर से लड़की के परिजनों के आर्थिक रूप से कमजोर होने की बात कहकर लड़के वालों से शादी से पहले लाखों रुपए ले लिए जाते हैं। यही नहीं शादी के समय दिए गए गहने आदि भी गिरोह सदस्य को मिल जाते हैं। शादी के कुछ दिन बाद विवाहिता कोई बहाना कर अपने पीहर चली जाती है और वापस नहीं आती। ताजा मामले में चक 20 एजी निवासी एक नौजवान के साथ इस गिरोह के सदस्यों ने शादी के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपयों की ठगी कर ली। सोने-चांदी के जेवरात भी हड़प लिए। Hanumangarh News
इस गिरोह के तीन सदस्यों के खिलाफ टाउन पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे में श्रवण (18) पुत्र पतराम बिश्नोई निवासी चक 20 एजी तहसील हनुमानगढ़ ने बताया कि 28 फरवरी को सुभाष पुत्र कृष्णलाल बिश्नोई निवासी बारावाली तहसील सूरतगढ़ जिला श्रीगंगानगर व राजसिंह राव निवासी किशनपुरा दिखनादा उनकी ढाणी चक 20 एजी में आए तथा उसके परिजनों से मिले और कहा कि वे श्रवण का रिश्ता करवा देंगे। उनके पास एक रिश्ता है। उसके दो दिन बाद उसके परिजन गांव किशनपुरा दिखनादा में राजसिंह के घर गए। वहां पर सुभाष व राजसिंह दोनों मौजूद थे।
राजसिह ने अपने घर पर उसके परिजनों को आशा पुत्री हंसराज बिश्नोई निवासी वार्ड 11, 19 केएसपी, किशनुपरा दिखनादा से मिलवाया और अपनी भान्जी होना बताया। बाद में रिश्ता तय हो गया। उसके बाद सुभाष व राजसिंह ने कहा कि लड़की के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। बारात की सेवा-चाकरी व विवाह के लिए उन्हें 3 लाख 50 रुपए देने होंगे। इस पर उन्होंने यह राशि सुभाष, राजसिंह व आशा को दे दी। बाद में 4 मार्च को उसकी शादी आशा से किशनपुरा दिखनादा में हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न हो गई। विवाह के वक्त वे सोने का एक मंगलसूत्र, कानों के एक जोड़ी झूमके, सोने का एक लॉकेट सहित कुल 40 ग्राम सोना व आधा किलो चांदी के गहने पायजेब, बिछिया आदि आशा के लिए लेकर गए। Hanumangarh News
गिरोह के तीन सदस्यों के खिलाफ टाउन थाना में दर्ज करवाया मुकदमा
विवाह के बाद लगभग 20 दिन बाद सुभाष व राजसिंह का फोन आया। उन्होंने कहा कि आशा की माता की तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए आशा को किशनपुरा दिखनादा छोड़कर जाओ। तब वह आशा को किशनपुरा दिखनादा उसके पीहर छोड़ आया। लगभग 25-30 दिन गुजरने के बाद उसने फोन किया तो आशा, सुभाष व राजसिंह टाल-मटोल करने लगे। शक होने पर वह किशनपुरा दिखनादा गया तो पता चला कि उक्त मानव तस्करी का एक गिरोह है जो लड़की को आगे बेचते हैं। उसे यह भी मालूम पड़ा कि आशा की शादी उससे पहले 30 नवंबर 2024 को बालमुकुन्द पुत्र श्योनारायण बिश्नोई निवासी चक 22 पीटीडी, चक 75 एनपी तहसील रायसिंहनगर जिला श्रीगंगानगर के साथ हुई थी। आशा के आधार कार्ड में पता हरीराम मन्दिर के पास, रामपुरा बस्ती, बीकानेर लिखवाया गया था।
उसके बाद उसे पता चला कि आशा 24 जून को संजय पुत्र राजकुमार बिश्नोई निवासी एग्रो फुट पार्क, 17 एमएल जिला श्रीगंगानगर के साथ चली गई है। उसने रिश्ता लेकर आए सुभाष व राजसिंह से दूरभाष के जरिए सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनका काम तो ठगी करने का है। उन्हें तो उसके साथ ठगी करनी थी वो कर ली है। ज्यादा तंग-परेशान किया तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। पुलिस ने सुभाष, राजसिंह व आशा के खिलाफ बीएनएस की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान लखूवाली चौकी प्रभारी एएसआई ओमप्रकाश के सुपुर्द किया है। Hanumangarh News