
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : नीति से परिवर्तन तक पर व्याख्यानमाला
National Education Policy: हनुमानगढ़। टाउन स्थित राजकीय नेहरू मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बुधवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान उच्च शिक्षा की हनुमानगढ़ इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : नीति से परिवर्तन तक विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. रामपाल अहरोदिया ने की। आयोजन में मुख्य वक्ता महासंघ के निजी शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक डॉ. संतोष राजपुरोहित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूल प्रस्तावना, उद्देशिका एवं शिक्षा नीति को लागू करने में आ रहे अवरोधों पर चर्चा की। Hanumangarh News
डॉ. राजपुरोहित ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छात्र-छात्राओं को अपने रूचिनुसार शैक्षणिक विकल्प चुनने का अवसर प्रदान करती है। यह नीति छात्र-छात्राओं को कौशल पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रवक्ता है, न कि शिक्षित बेराजगारों की भीड़ पैदा करने की। इस नीति की प्रस्तावना छात्र-छात्रा के मन पटल पर भारतीय गौरव एवं संस्कृति को आत्मसात करते हुए कौशल पूर्ण शिक्षा को कंठ करना है। महासंघ के जिला सचिव डॉ. रोहिताश वशिष्ठ ने शिक्षा नीति की पाठ्यचर्या पर चर्चा करते हुए बताया कि इस नीति में स्नातक पाठ्यक्रम चार वर्ष की परिचर्चा है। इसमें प्रथम वर्ष पश्चात प्रमाण पत्र, द्वितीय वर्ष पश्चात डिप्लोमा, तृतीय वर्ष पश्चात स्नातक उपाधि एवं चतुर्थ वर्ष में विषय में शोध को बढ़ावा दिया गया है। चतुर्थ वर्ष पश्चात विद्यार्थी इन्टीग्रेटेड उपाधि प्राप्त होती है।
इसी प्रकार स्नातकोत्तर में अंतिम वर्ष में विषय को अधिक प्रायोगिक एवं शोधपूर्ण किए जाने का प्रावधान है। डॉ. वषिष्ठ ने कहा कि छात्र-छात्रा की निपुणता किसी भी शैक्षणिक विधा में तभी हो सकती है जब वह उसकी अभिरूचि अनुसार हो। इसका प्रावधान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में किया गया है। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. विनोद खुड़ीवाल ने किया। इस मौके पर बहुधा छात्र-छात्राएं एवं सकाय सदस्य मौजूद रहे। Hanumangarh News