Haryana Punjab Weather Alert: हिसार, सच कहूँ/संदीप सिंहमार। दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर फिलहाल देश में ब्रेक-मानसून जैसी स्थिति बनी हुई है। ऐसा लग रहा है कि बारिश कई हिस्सों में थम सी गई है, खासकर हरियाणा,पंजाब,राजस्थान, दिल्ली, व गुजरात के कुछ भागों और महाराष्ट्र में बारिश की कमी बनी हुई है। वहीं पहाड़ों क्षेत्रों में मौसम सक्रिय चल रहा है। इस दौरान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तट के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना, जिसकी वजह से दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अच्छी बारिश दर्ज की गई है।
भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार बुधवार को हरियाणा के पंचकूला, यमुनानगर, अम्बाला व कुरुक्षेत्र तो पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर,नवांशहर,रूपनगर, शहीद भगत सिंह नगर व फतेहगढ़ साहिब सहित 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के जयपुर कार्यालय से जारी हुए मौसम बुलेटिन के अनुसार पूर्वी राजस्थान में कहीं कहीं पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई ,पश्चिमी राजस्थान में एक दो स्थानों पर बहुत हल्की वर्षा दर्ज की गई। राजस्थान राज्य में सर्वाधिक वर्षा मालाखेडा अलवर में 40.0 मिलीमीटर बारिश हुई। सर्वाधिक तापमान श्रीगंगानगर में 39.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। स्काईमेट वेदर के मुताबिक वर्तमान में बादल ज्यादातर उत्तर भारत के पहाड़ों और उनकी तलहटी में हैं। दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश इसलिए हो रही है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में ‘कोटेश्वरम लो’ बना है और प्रायद्वीपीय आंतरिक हिस्सों में उत्तर-दक्षिण ट्रफ सक्रिय है। जब उत्तर या उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनता है, तो यह स्थिति उलट जाती है।
अगस्त में सामान्य से कम हुई बरसात | Haryana Punjab Weather Alert
ब्रेक-मानसून की वजह से अगस्त के पहले 10 दिनों में सामान्य से कम बारिश हुई। 1 से 10 अगस्त 2025 तक सिर्फ 64.7 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य 89.8 मिमी होनी चाहिए थी, यानी इस दिनों में लगभग 30 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। सीजनल बारिश भी पहले के 15 फीसदी से घटकर लगभग सामान्य स्तर पर आ गई है। मौसम एजेंसी स्काईमेट व आईएमडी के मुताबिक इस हफ्ते मानसून के दोबारा सक्रिय होने की संभावना है।
उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बनेगा कम दबाव का क्षेत्र
अब मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। इसी कड़ी में 13 अगस्त को उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे पहले 12 अगस्त को उसी जगह एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा, जो 24 घंटे में कम दबाव में बदल जाएगा। यह सिस्टम समुद्र पर 48-72 घंटे तक मजबूत होगा। इस दौरान ओडिशा,आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आसपास बारिश शुरू हो जाएगी। कम दबाव का क्षेत्र इस दौरान डिप्रेशन में भी बदल सकता है और 16 अगस्त के आसपास तट पार कर सकता है। इसके बाद यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दक्षिण राजस्थान और कोंकण-गोवा के ज्यादातर हिस्सों में जाएगा। 12 से 20 अगस्त के बीच देश के कई इलाकों में जोरदार मानसूनी बारिश देखने को मिल सकती है।