India Wholesale Inflation July 2025: मुंबई। भारत में महंगाई के मोर्चे पर गुरुवार को सकारात्मक संकेत मिले हैं। जुलाई 2025 में थोक मुद्रास्फीति (WPI) -0.58 प्रतिशत पर आ गई, जो जुलाई 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इसके पहले जून 2025 में थोक मुद्रास्फीति -0.13 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, खनिज तेल, क्रूड पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और बेसिक मेटल की उत्पादन लागत में कमी है। India Wholesale Inflation
आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक वस्तुओं में जुलाई में थोक महंगाई दर -4.95 प्रतिशत रही, जो जून में -3.38 प्रतिशत थी। ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र में जुलाई में थोक मुद्रास्फीति -2.43 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि जून में यह -2.65 प्रतिशत थी। खाद्य पदार्थों के सूचकांक में भी महंगाई दर कम होकर -2.15 प्रतिशत हो गई, जो जून में -0.26 प्रतिशत थी।
मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों में थोक मुद्रास्फीति 1.97 प्रतिशत से 2.05 प्रतिशत
वहीं, मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर जून के 1.97 प्रतिशत से जुलाई में 2.05 प्रतिशत हो गई। इससे पहले सरकार ने खुदरा महंगाई (CPI) के आंकड़े जारी किए थे। जुलाई में खुदरा महंगाई 1.55 प्रतिशत पर आ गई, जो जून 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट में खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी मुख्य कारण रही।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा, “2025-26 के लिए महंगाई का पूर्वानुमान जून में की गई अपेक्षा से अधिक नरम हो गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की सामान्य प्रगति, अच्छी खरीफ फसल, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त भंडार ने महंगाई में नरमी लाने में योगदान दिया है।” हालांकि, आधार प्रभाव और नीतिगत कदमों के कारण मांग पर असर पड़ने से, खुदरा महंगाई 2025-26 की चौथी तिमाही और उसके बाद 4 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। India Wholesale Inflation
Gold Price Today: सोना-चांदी खरीदना चाहते हैं तो कीमतें हो गई अपडेट!