
UP Expressway News: मेरठ, अनु सैनी। चार धाम यात्रा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विभिन्न जिलों के बीच आवागमन अब पहले से कहीं अधिक आसान और सुविधाजनक होने वाला है। मेरठ रोड के बहुप्रतीक्षित चौड़ीकरण और अपग्रेडेशन कार्य तेजी से प्रगति पर है। सड़क को फोर लेन और सिक्स लेन में बदलने का काम चल रहा है, जो अगले एक वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा और सुविधाओं का स्तर भी राष्ट्रीय राजमार्ग मानकों के अनुरूप हो जाएगा।
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हरियाणा और यूपी की पुरानी मांग पूरी होने की तैयारी | UP Expressway News
कई वर्षों से हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की यह मांग रही है कि करनाल से मेरठ और आगे चार धाम, हरिद्वार, देहरादून व उत्तराखंड के अन्य स्थलों तक जाने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग को चौड़ा किया जाए। पहले इस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा तो मिल गया था, लेकिन इसकी चौड़ाई और अन्य आधारभूत सुविधाएं मानक के अनुसार नहीं थीं। अब इस कमी को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर चौड़ीकरण और सुधार कार्य हो रहा है।
हरियाणा क्षेत्र में तेजी से निर्माण कार्य
हरियाणा के करनाल में ताऊ देवीलाल चौक से आवर्धन नहर पुल तक शुगर मिल साइड का चौड़ीकरण कार्य जारी है। परियोजना के तहत पहले एक साइड का काम पूरा किया जाएगा और उसके बाद दूसरी साइड का निर्माण होगा। कुल 14.5 किलोमीटर लंबी सड़क को उन्नत स्वरूप में लाने की योजना है।
सड़क की चौड़ाई में बड़ा बदलाव
ताऊ देवीलाल चौक से शुगर मिल गेट तक — सिक्स लेन सड़क का निर्माण
आगे का हिस्सा — फोर लेन सड़क
बीच में डिवाइडर लगाया जाएगा
वर्तमान चौड़ाई — 7.5 मीटर
नई चौड़ाई — 12.5 मीटर
लागत — लगभग 105 करोड़ रुपये
इस चौड़ीकरण से भारी वाहनों और यात्री परिवहन के लिए अधिक जगह उपलब्ध होगी, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक खत्म होगी।
परियोजना की निगरानी और निरीक्षण
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की नियमित मॉनिटरिंग हरियाणा के उपायुक्त निशांत यादव कर रहे हैं। इसके अलावा शासन स्तर पर भी इसे प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) देवेंद्र सिंह ने साइट का दौरा कर प्रगति की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
लॉकडाउन में भी जारी रहा काम
कोविड-19 महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन में निर्माण कार्य की गति प्रभावित हुई थी, लेकिन पिछले छह महीनों से काम निरंतर जारी है। परियोजना में न केवल सड़क चौड़ीकरण बल्कि अन्य कई आधारभूत निर्माण भी शामिल हैं —
27 कल्वर्ट का निर्माण (जिसमें 14 पर काम जारी)
2 बड़े पुल
7 मीडियम या माइनर ब्रिज
शेष कल्वर्ट और पुलिया
बिजली के पोलों का स्थानांतरण
इन सभी कार्यों के पूरा होने के बाद सड़क पूरी तरह आधुनिक और सुरक्षित होगी।
उत्तर प्रदेश में भी तेज गति से प्रगति
इस प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में भी है। वर्तमान में शामली से आगे करनाल-मेरठ हाईवे प्रोजेक्ट का काम एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के पास है। इसे तीन हिस्सों में बांटकर निर्माण कार्य हो रहा है —
1. बपारसी से मेरठ तक
2. बपारसी से फुगाना तक
3. फुगाना से करनाल सीमा तक
इन तीनों हिस्सों में मुख्य रूप से हाईवे चौड़ीकरण पर काम हो रहा है, जिससे सड़क की क्षमता और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगी।
सड़क हादसों में कमी की उम्मीद
अब तक सड़क की कम चौड़ाई और उचित डिवाइडर न होने के कारण यहां हादसों की संख्या अधिक रही है। चौड़ीकरण और नए निर्माण के बाद:-
वाहन चालकों के लिए ओवरटेकिंग आसान होगी
ट्रैफिक जाम में कमी आएगी
डिवाइडर और सिग्नलिंग सिस्टम से सड़क सुरक्षा बेहतर होगी
दुर्घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा
चार धाम यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा
इस सड़क के अपग्रेड होने से चार धाम यात्रा, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी और देहरादून जाने वाले यात्रियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
यात्रा का समय घटेगा
रास्ता अधिक सुरक्षित और आरामदायक होगा
धार्मिक पर्यटन और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा
हरियाणा और यूपी के व्यापारिक व कृषि उत्पादों की आवाजाही तेज होगी
आर्थिक और सामाजिक लाभ
सड़क चौड़ीकरण परियोजना से केवल यातायात ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर
निर्माण कार्य में स्थानीय ठेकेदारों और मजदूरों की भागीदारी
आसपास के क्षेत्रों में जमीन और संपत्ति के दाम में वृद्धि
व्यापार और उद्योग को बेहतर कनेक्टिविटी
एक साल में बदल जाएगा स्वरूप
अधिकारियों का दावा है कि करीब एक साल बाद यह सड़क अपने नए और आधुनिक स्वरूप में नजर आएगी। तब तक सभी निर्माण कार्य, पुल, कल्वर्ट और सड़क की मार्किंग पूरी हो जाएगी। मेरठ रोड का चौड़ीकरण केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल चार धाम और उत्तराखंड के अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। यह परियोजना साबित करेगी कि बेहतर सड़कें केवल यात्रा नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के भविष्य को बदल सकती हैं।