Children’s Mental Health Tips: हर पेरेंट्स को अपने बच्चे बहुत ही प्यारे होते हैं, और हर माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं। हर पेरेंट्स यही चाहते हैं कि उनका लड़का या लड़की बड़े होकर एक सफर और जिम्मेदार इंसान बने। दरअसल यही वजह है कि वह अपने बच्चों को बचपन से ही तमीज और अनुशासन में रखने की कोशिश करते हैं और उन्हें अनुशासन में रहना सिखाते हैं। Children’s Corner
लेकिन कई बार बच्चों को अनुशासन में रखने के चक्कर में पेरेंट्स काफी ज्यादा स्ट्रिक्ट हो जाते हैं। जब बच्चे आपकी आज्ञा का पालन नहीं करते हैं तो आप डांटने लगते हैं और चिल्लाने लगते हैं। लेकिन आपको बता दें कि बच्चों पर चिल्लाना भी उतना ही नुकसानदायक होता है जितना कि उन पर हाथ उठाना। जब पेरेंट्स काम पर से घर लौटते हैं और देखते हैं कि उनका बच्चा किसी से बदतमीजी से बात कर रहा है और घर में सामान फैला रखा है, तो अच्छे खासे शांत पेरेंट्स भी गुस्से में हो जाते हैं और बच्चों पर चिल्लाना शुरू कर देते हैं। वहीं अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करना आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है और आपका बच्चा मानसिक रूप से बीमार हो सकता है। हां यह ध्यान रहे कि ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक स्टडी में ऐसा खुलासा हुआ है।
बच्चों पर सख्ती बरतने पर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है असर | Children’s Corner
दरअसल माता-पिता द्वारा बढ़ते जाने वाली सख्ती बच्चों की मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूनिवर्सिटी आॅफ कैंब्रिज और डबलिन द्वारा हाल ही में की गई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है, कि पैरंट्स अगर अपने बच्चों से ज्यादा सख़्ती से बात करते हैं, तो उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। बता दें कि इस शोध में 7500 से भी ज्यादा बच्चों को शामिल किया गया था। बच्चों के सामने सख़्ती से पेश आना मेंटल डिसआॅर्डर का कारण बन सकता है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने बच्चों के समूह में यह देखा है कि इनमें से 10 फीसदी बच्चों में मेंटल हेल्थ खराब होने का खतरा अधिक था।
इन बच्चों में पेरेंट्स द्वारा बरती जा रही सख्ती का सामना करने की आदत ज्यादा थी। हालांकि शोध में यह भी साबित हुआ है कि बच्चों की मेंटल हेल्थ बिगड़ने के पीछे पेरेंट्स की सख्ती ही नहीं बल्कि फिजिकल हेल्थ जेंडर या फिर सामाजिक स्थिति भी जिम्मेदार हो सकती है। दरअसल छोटे बच्चों की तुलना में 9 साल से ऊपर के बच्चों में पेरेंट्स द्वारा लगाए जाने वाले अनुशासन का मेंटल हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ सकता है।
क्या है स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग के साइड इफेक्ट
बच्चों के साथ जरूरत से ज्यादा दबाव डालने पर उनके विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है, वह अपने हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहने लगते हैं। Children’s Corner
ऐसे बच्चे नई चीजें ट्राई नहीं कर पाते हैं, उन्हें हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि अगर उनसे कुछ गलत हो गया तो उन्हें इसके लिए डांट पड़ेगी या फिर उन्हें पनिशमेंट दी जाएगी। अधिकतर बच्चे आत्मविश्वास की कमी होने के कारण नए-नए एक्सपेरिमेंट करने से हिचकिचाते हैं। स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग की वजह से बच्चें अपने दिल की बात खोलकर नहीं जता पाते हैं। जिस वजह से अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते हैं और कई बार वे डिप्रेशन तक के शिकार हो जाते हैं।
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