Haryana Expressway: हरियाणा के इन गांवों में अचानक बढ़ने वाले है जमीन के रेट, जानें

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Haryana Expressway: हरियाणा के इन गांवों में अचानक बढ़ने वाले है जमीन के रेट, जानें

Haryana Expressway: संदीप सिंहमार। हिसार के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से लंबित रिंग रोड परियोजना को आखिरकार हरी झंडी मिलने के संकेत मिल रहे हैं। राजगढ़ से चंडीगढ़ फोरलेन को दिल्ली हाईवे से जोड़ते हुए बनने वाला यह रिंग रोड करीब 3 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इस परियोजना में जमीन अधिग्रहण से लेकर सड़क निर्माण तक का पूरा खर्च शामिल है।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कंसल्टेंट की मदद से लागत का अनुमान तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है। जैसे ही बजट को स्वीकृति मिलेगी, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।

शहर में भारी वाहनों की एंट्री खत्म होगी | Haryana Expressway

वर्तमान में हिसार शहर में ट्रैफिक का सबसे बड़ा दबाव भारी वाहनों के कारण है।
चंडीगढ़ रोड से सिरसा रोड, और सिरसा रोड से राजगढ़ रोड के बीच बाईपास बना हुआ है, लेकिन राजगढ़ रोड से दिल्ली रोड और दिल्ली रोड से चंडीगढ़ रोड के बीच अभी तक कोई बाईपास नहीं है।
लगभग 6–7 साल से इस बाईपास के निर्माण की मांग की जा रही है, ताकि शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों की आवाजाही को रोका जा सके।
इस रिंग रोड के बनने के बाद शहर के चारों ओर से एक पूरा गोलाकार मार्ग (रिंग रोड) तैयार हो जाएगा।
इससे वाहनों को शहर में घुसने की जरूरत नहीं होगी और वे अपने गंतव्य तक सीधा पहुंच सकेंगे।

270 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण

इस परियोजना के लिए करीब 270 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
कुल अनुमानित लागत 3 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें से 1 हजार करोड़ रुपये केवल जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे।
जमीन अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये का खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।
सड़क निर्माण पर लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
रिंग रोड की लंबाई लगभग 40 किलोमीटर होगी।

रिंग रोड का रूट

सूत्रों के अनुसार, रिंग रोड का रूट इस प्रकार होगा:-
1. गांव देवां से शुरुआत होगी।
2. इसके बाद यह कैमरी, भगाना, लाडवा होते हुए मैय्यड़ के पास नेशनल हाईवे-9 से जुड़ेगा।
3. फिर यह सड़क खरड़, नियाणा, मिर्जापुर और धांसू गांवों से होकर गुजरेगी।
4. अंत में यह तलवंडी राणा के पास NH-52 से जुड़ेगी।

यातायात व्यवस्था में बड़े बदलाव

इस रिंग रोड के बनने के बाद कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे:-
शहर में जाम की समस्या कम होगी, खासकर पीक ऑवर्स में।
भारी वाहनों का शहर में प्रवेश बंद होगा, जिससे सड़कों पर दबाव घटेगा।
यात्रा समय की बचत होगी, क्योंकि वाहनों को शहर के बीच से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।
प्रदूषण का स्तर भी घटेगा, क्योंकि शहर के अंदर ट्रकों और बड़े वाहनों की आवाजाही कम हो जाएगी।

आर्थिक लाभ

यह परियोजना केवल यातायात को ही नहीं, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी:-
सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय मजदूरों और कंपनियों को रोजगार मिलेगा।
रिंग रोड के किनारे नए व्यवसाय और औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो सकते हैं।
हाईवे से जुड़ाव बेहतर होने पर निवेशकों की रुचि बढ़ेगी।

लंबे समय से लंबित मांग

हिसार में रिंग रोड की मांग कोई नई नहीं है।
पिछले 6–7 साल से स्थानीय निवासी और व्यापारी इस परियोजना को लागू करने की मांग कर रहे थे।
ट्रैफिक दबाव, प्रदूषण और समय की बर्बादी जैसे मुद्दों को देखते हुए यह परियोजना जरूरी मानी जा रही थी।
अब NHAI की रिपोर्ट और बजट प्रस्ताव भेजे जाने के बाद इसके हकीकत बनने की उम्मीद है।

निर्माण प्रक्रिया

1. बजट स्वीकृति – NHAI ने जो एस्टीमेट भेजा है, उसे केंद्र से मंजूरी मिलते ही काम शुरू होगा।
2. जमीन अधिग्रहण – लगभग 270 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।
3. सड़क निर्माण – आधुनिक तकनीक और फोरलेन सुविधा के साथ 40 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी।
4. कनेक्टिविटी – यह सड़क NH-9 और NH-52 से जुड़ेगी, जिससे राज्य और दूसरे राज्यों में आवागमन आसान होगा।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भागीदारी होगी।
जमीन अधिग्रहण में राज्य सरकार 500 करोड़ रुपये का योगदान करेगी।
सड़क निर्माण और डिजाइन का काम NHAI के अंतर्गत होगा।

स्थानीय लोगों की उम्मीदें स्थानीय लोग मानते हैं कि:-
यह रिंग रोड उनके लिए समय और ईंधन की बचत का साधन बनेगा।
शहर का माहौल ज्यादा साफ-सुथरा और शांत होगा।
व्यवसाय और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।

हिसार का प्रस्तावित रिंग रोड न केवल यातायात व्यवस्था को नई दिशा देगा, बल्कि शहर की आर्थिक और सामाजिक संरचना में भी बड़ा बदलाव लाएगा। लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के पूरा होने पर हिसार को एक आधुनिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का लाभ मिलेगा, जिससे न केवल स्थानीय लोगों की जिंदगी आसान होगी बल्कि शहर की पहचान भी एक तेजी से विकसित होते औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में होगी।