
Haryana-Punjab flood: सच कहूँ/कृष्ण भोला बरेटा। लगातार हो रही भारी बारिश ने खरीफ की फसलों में सबसे ज्यादा घग्गर नदी से लगे निचले खेतों के किसानों की नींद उड़ा दी है। यह बारिश समतल खेतों में धान की फसल के लिए तो लाभदायक है, लेकिन अब लगातार बारिश होने से घग्गर से लगे कई गाँवों के निचले खेतों की फसल को नुकसान पहुँच सकता है। उल्लेखनीय है कि घग्गर में भी पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन अभी स्थिति काबू में है और प्रशासन घग्गर के बाँधों पर नजर रखे हुए है। पहले हुई बारिश फसलों के लिए लाभदायक बताई जा रही थी, परंतु लगातार हो रही बारिश से शहरी क्षेत्र में भी सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे आम लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर बिजली के ट्रांसफार्मरों की स्विचों तक पानी पहुँच जाने से करंट लगने का डर भी बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार पिछले लगभग तीन दिनों से पंजाब-हरियाणा में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। यह बारिश धान की फसल के लिए तो लाभदायक है, लेकिन अब लगातार हो रही बारिश से नरमा (कपास) की फसल और लगे फल को नुकसान पहुँच सकता है। किसानों का कहना है कि अभी तक नरमे के लिए यह बारिश हानिकारक नहीं थी, लेकिन बीती रात और आज भी रुक-रुक कर हो रही बारिश से अब नरमा भी इस बरसात की मार से बच पाना मुश्किल है। इस समय नरमे की फसल पर बड़ी संख्या में टिंडे (फल) लगे हुए हैं और आगे और नए टिंडे बनने की संभावना थी, लेकिन अब बारिश के कारण फल झड़ने का खतरा है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
किसान खेतों से निकाल रहे बारिश का पानी | Haryana-Punjab flood
सोमवार को बारिश के बीच भी किसान अपने-अपने खेतों में जाकर नरमे की फसल से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि फसल को बचाया जा सके। इसी दौरान लहरा-बरेटा सड़क पर ज्यादा पानी खड़े होने और मुख्य सड़क पर दरार पड़ने के कारण राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खेती क्षेत्र के लिए यह भी संकट की घड़ी है क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बने रहने की संभावना है।
संगरूर व बरनाला में भारी बारिश ने मचाई ‘तबाही’
संगरूर/बरनाला। सोमवार सुबह से बरनाला और संगरूर जिÞलों में हुई मूसलधार जबरदस्त बारिश के कारण चारों तरफ पानी ही पानी भर गया। बारिश इतनी तेज थी कि कुछ ही घंटों में घुटनों-घुटनों तक पानी भर गया और लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। लगातार कई घंटे हुई बारिश के कारण जहां दुकानदारों ने कई घंटे अपनी दुकानें बंद रखीं, वहीं स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चे और व्यापारी घरों में कैद होकर रह गए। लोग कहते सुने गए कि इतनी भारी बारिश कई सालों बाद हुई है, जिससे चारों तरफ कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर बाद शुरू हुई तेज बारिश सोमवार को पूरे दिन भी जारी रही। मौसम विभाग के मुताबिक संगरूर में रिकॉर्ड तोड़ 216.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। मूसलधार बारिश ने पूरे शहर को तालाब में बदल दिया। बारिश के कारण शहर की कई जगह गालियां और सड़कें धंस गईं, घरों और दुकानों में पानी घुस गया। सरकारी दफ़्तर भी पानी में डूबने से न बच सके और कई दफ़्तरों में पानी भर जाने से दिक्कतें और बढ़ गईं। बारिश को देखते हुए कई स्कूलों में बच्चों को छुट्टी दे दी गई।
उल्लेखनीय है कि सावन का महीना लगभग सूखा ही रहा, लेकिन भादों महीने के पहले हफ़्ते में ऐसी बारिश हुई कि कई पुराने रिकॉर्ड टूट गए। बारिश इतनी हुई कि पूरा शहर जलमग्न हो गया। संगरूर शहर का शायद ही कोई इलाका हो जहाँ पानी न भरा हो। शहर के बाजार, गालियाँ, मोहल्ले पानी में डूबे नजर आए। बारिश के पानी में लोगों के दोपहिया वाहन बंद हो गए और लोग उन्हें घसीटते हुए दिखाई दिए। बारिश के पानी की निकासी न होने का मुख्य कारण सीवरेज मजदूरों की हड़ताल भी मानी जा रही है। पूरा सीवरेज सिस्टम ठप पड़ा हुआ है, ऐसे में घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
हरियाणा के इन इलाकों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
जाखल क्षेत्र में पिछले 2 दिनों से भारी बरसात हो रही है। इस बरसात ने पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को फिर सुबह से शुरू हुई मानसून की झमाझम बरसात से कहीं खुशी कहीं मायूसी देखी गई। क्षेत्र भर के स्कूलों के प्रांगण में पानी जमा हो गया। कहीं जलघर की दीवार टूट गई। कहीं सड़कों के किनारे बरसाती पानी में बह गए।
रविवार से शुरू हुई बरसात सोमवार को भी रुकने का नाम नहीं ले रही। हालांकि धान की फसल लेने वाले किसानों के चेहरे खिल गए, वहीं कई दिनों से शरीर के झुलसा देने वाली व उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है। लेकिन सब्जी उगाने वाले किसानों का नुकसान हुआ है वहीं पशुचारे में भी कई जगह पानी जमा हो गया।
किसानों ने बताया कि पिछले काफी समय से क्षेत्र में अच्छी बरसात न होने के कारण फसलों को भारी नुकसान हो रहा था, धान की फसल की सिंचाई हेतु बरसात से फायदा मिलेगा। गांवों की गलियों भी पानी से भरी हुई गलियों में बच्चे अठखेलियां कर बारिश का आनन्द लेते नजर आए। वहीं बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, सुभाष चंद बोस चौक, अनाज मण्डी सहित क्षैत्र के सिधानी राजकीय माध्यमिक विद्यालय, गांव तलवाड़ी के प्राइमरी स्कूल, चांदपुरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल सहित अनेक स्कुल प्रांगणों में पानी की निकासी का उचित प्रंबध न होने के कारण जमा पानी से भी अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जाखल की नायक बस्ती के वार्ड नंबर 12 में जलघर की दीवार टूटने से पीने की पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई जगह बिजली में फाल्ट आने से रात को घंटों बिजली गुल रही। वहीं सरसा समेत कर्इं गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।