टोंकी में रोजी-रोटी का संकट, अधिकतर खेत-खलिहान डूबे, सालभर की मेहनत पर फिरा पानी

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सांकेतिक फोटो

खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। Kharkhoda News: यमुना में बढ़े जलस्तर से गांव मनोली टोंकी के हालात सबसे खराब है। यहां की अधिकतर आबादी खेतिहर मजदूरों की है। इनकी जीविका मनोली व आस-पास के गांवों के खेतों में मजदूरी करके चलती है। जलस्तर से कई गांवों की फसलें बर्बाद होने से इनका जीवन संघर्ष बढ़ गया है। ग्रामीणों ने कहा कि जलस्तर भले ही नीचे जा रहा है, लेकिन हालात सुधरने में अभी लंबा समय लगेगा। सरकार से सहायता की आस भी अब निराशा में बदलने लगी है। जलभराव की समस्या से जूझ रहे। Kharkhoda News

देश राजधानी दिल्ली से सटे सोनीपत में यमुना की तलहटी में बसा यह गांव ऐसा है, जहां हर साल जलस्तर बढ़ने पर उन्हें बेघर होना पड़ता है। उनके सामने हर बार रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता है, लेकिन सहायता और व्यवस्था में परिवर्तन की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं। सरकार की तरफ से यहां बिजली की उपलब्धता के साथ ही एक प्राथमिक विद्यालय भी है। इसके अलावा अन्य कोई सरकारी सुविधा नहीं है। गांव की आबादी दो हजार से अधिक हैं। पैदल जाना पड़ता है पढ़ाई के लिए बच्चों को।

गांव में प्राइमरी स्कूल ही है इसके अलावा आगे की पढ़ाई करने के लिए बच्चों को गांव से कई किलोमीटर दूर मनौली और अन्य गांव में जाना पड़ता है। आने जाने के साधन भी बहुत कम है। उच्च शिक्षा का स्कूल नहीं होने के कारण बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। क्योंकि आने जाने के साधन और गांव में सुविधा न होने के कारण यह समस्या नियंत्रण बनी हुई है। विधायक कृष्णा गहलावत का कहना है कि गांव में कई समस्याएं हैं जो उनके संज्ञान में है। पहले भी उन्होंने अपने स्तर पर सड़क बनवाई थी। गांव में पानी की निकासी की समस्या है उसे भी पूरा करवाने का प्रयास जारी है। अन्य सुविधाओं के लिए भी कार्य किया जा रहा है। Kharkhoda News

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