Animal: राजेन्द्र कुमार। बरसात का मौसम जहां फसलों और हरियाली के लिए फायदेमंद साबित होता है, वहीं यह पशुपालकों के लिए कई तरह की चुनौतियां भी लेकर आता है। इस मौसम में हवा में नमी और चारों तरफ गीलापन बढ़ जाता है, जिससे पशुओं के खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो सकती हैं। इसके अलावा बरसात में कीट, मच्छर और बैक्टीरिया का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे समय में पशुपालकों को यह ध्यान रखना जरूरी है कि किन चीजों को बरसात में खिलाने से बचना चाहिए और कौन-सी चीजें इस मौसम में सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
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1. फफूंद लगी चारा (Moldy Fodder) Animal
बरसात के मौसम में चारे में नमी आना आम बात है, लेकिन इसी नमी के कारण चारे पर फफूंद लग जाती है। इस फफूंद में अफ्लाटॉक्सिन जैसे जहरीले तत्व बनते हैं, जो पशुओं के लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं और उनकी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक ऐसा चारा खिलाने से दूध उत्पादन में कमी आ सकती है और पशु बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए बरसात में चारे को हमेशा सूखा और हवादार जगह पर रखना चाहिए।
2. गीला या सड़ा हुआ अनाज
नमी के कारण अनाज जल्दी खराब हो जाता है और इसमें कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है। गीले या सड़े हुए अनाज को खिलाने से पशुओं में अपच, दस्त और पेट की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह का अनाज फूड पॉइजनिंग का कारण भी बन सकता है, जो कई बार गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इसलिए बरसात में अनाज को एयरटाइट कंटेनर में बंद करके सूखी जगह पर रखना चाहिए और नियमित रूप से जांच करनी चाहिए कि उसमें कोई खराबी तो नहीं आई है।
3. कच्ची या गीली भूसी
भूसी अगर पूरी तरह से सूखी न हो तो उसमें बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं। बरसात के मौसम में भूसी में नमी बनी रहती है, जो इसे सड़ने और खराब होने की ओर ले जाती है। गीली भूसी पशुओं के पेट में गैस, अपच और संक्रमण का कारण बन सकती है। इसलिए भूसी को हमेशा धूप में सुखाकर ही पशुओं को देना चाहिए।
4. खराब या बासी सब्जियां
बरसात में सब्जियां जल्दी गलने-सड़ने लगती हैं और उनमें बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। खराब सब्जियों में मौजूद हानिकारक तत्व पशुओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं और फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसलिए पशुओं को हमेशा ताजी और साफ सब्जियां ही खिलानी चाहिए, और बरसात में उन्हें धोकर काटकर देना सबसे बेहतर है।
5. गंदा या दूषित पानी
बरसात के मौसम में खुले तालाब, नाले या गड्ढों का पानी कीचड़ और बैक्टीरिया से भर जाता है। इस तरह का पानी पीने से पशुओं में बुखार, दस्त और लिवर से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। कई बार दूषित पानी में परजीवी भी होते हैं, जो पशुओं के शरीर में जाकर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसलिए बरसात में पशुओं को केवल साफ, उबला और ठंडा किया हुआ पानी ही पिलाना चाहिए।
बारिश में पशुओं को क्या खिलाएं?
1. ताजा और सूखा हरा चारा
बरसात में हरा चारा भरपूर मात्रा में मिलता है, लेकिन इसे सीधे नहीं खिलाना चाहिए। ताजे हरे चारे को पहले काटकर छांव में सुखा लेना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद अतिरिक्त नमी खत्म हो जाए और फफूंद लगने का खतरा न रहे।
2. साफ और सूखा अनाज
गेहूं, ज्वार, मक्का जैसे अनाज बरसात में भी सुरक्षित खिलाए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें साफ, सूखा और नमी रहित जगह पर रखना जरूरी है। सूखा अनाज पशुओं को ऊर्जा देता है और उनकी सेहत को बनाए रखता है।
3. पौष्टिक दाना और खली
सोयाबीन खली, सरसों खली और मिनरल मिक्सचर जैसे पौष्टिक आहार बरसात में विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं। ये न केवल पशुओं की ताकत बढ़ाते हैं बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाते हैं, जिससे वे मौसमी बीमारियों से बचे रहते हैं।
4. ताजा सब्जियां और फल
गाजर, चुकंदर, कद्दू और ककड़ी जैसी ताजी सब्जियां बरसात में पशुओं के लिए लाभदायक होती हैं। इन्हें हमेशा धोकर और काटकर देना चाहिए ताकि इनमें मौजूद मिट्टी या कीटाणु पूरी तरह हट जाएं।
5. साफ और ताजा पानी
पानी हमेशा उबालकर ठंडा किया हुआ या साफ टंकी में रखा हुआ ही पिलाना चाहिए। बरसात में पानी की टंकी और बर्तनों की रोज सफाई करनी चाहिए ताकि उनमें काई, कीड़े या बैक्टीरिया न पनपें। बरसात के मौसम में पशुओं का स्वास्थ्य सीधे उनके आहार और पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। इस मौसम में थोड़ा सा लापरवाह होना भी बड़े नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए जो चीजें जल्दी खराब होती हैं या जिनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, उनसे पूरी तरह बचना चाहिए। वहीं, ताजा, सूखा, पौष्टिक और साफ आहार देना पशुओं को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखेगा।