UP Expressway: अनु सैनी। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे अब लगभग तैयार हो चुका है। अमरोहा जिले की हसनपुर तहसील क्षेत्र में 23.60 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यहां सड़क की लेयरिंग से लेकर लाइटिंग तक का काम पूरा हो चुका है। अब केवल अंतिम फिनिशिंग कार्य बचा है, जो तेजी से किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 12 अक्टूबर 2025 तक यह हिस्सा पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।
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594 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे | UP Expressway
गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है, जो मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगी। इस एक्सप्रेसवे पर निर्माण कार्य कई चरणों में किया गया है। हसनपुर क्षेत्र में सड़क, पाइपलाइन और पुलों का काम लगभग समाप्त हो चुका है। बरसात के कारण कुछ दिनों के लिए कार्य प्रभावित जरूर हुआ, लेकिन अब काम तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार नवंबर 2025 से पूरा एक्सप्रेसवे वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। मेरठ, हापुड़, ज्योतिबा फुले नगर, संभल, शाहजहांपुर, बदायूं, फर्रूखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज इन जिलों से होकर गुजरेगा ये हाईवे।
ओवरब्रिज और टोल प्लाजा तैयार
हसनपुर–रहरा मार्ग के ऊपर ओवरब्रिज बनकर तैयार हो चुका है। मंगरौला क्षेत्र में बने टी प्वाइंट के दोनों ओर टोल बूथ स्थापित किए गए हैं। कुल चार टोल बूथ तैयार किए जा चुके हैं, जिससे यात्रियों को सुगमता मिलेगी। सड़क पर बिजली की लाइटिंग का काम भी पूरा हो चुका है, जिससे रात के समय भी सुरक्षित यात्रा संभव होगी। बारिश के पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन सिस्टम लगाया गया है, ताकि सड़क पर जलभराव न हो।
गंगा पर पुल भी बनकर तैयार
पाइंदापुर में गंगा नदी पर बने पुल का निर्माण भी पूरा हो चुका है। यह पुल इस एक्सप्रेसवे का अहम हिस्सा है क्योंकि यह मेरठ से प्रयागराज के बीच सीधी और बिना रुकावट वाली कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। अधिकारियों का कहना है कि पुल समेत पूरे मार्ग का निरीक्षण कर लिया गया है और अब केवल छोटे-छोटे फिनिशिंग कार्य बाकी हैं।
मेरठ से प्रयागराज की दूरी होगी आसान
एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद मेरठ से प्रयागराज का सफर बेहद आसान और तेज़ हो जाएगा। अभी जहां इस मार्ग को तय करने में कई घंटे लगते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने से यह समय काफी कम हो जाएगा। अमरोहा के लोगों के लिए भी मेरठ और प्रयागराज का सफर सरल हो जाएगा।
श्रद्धालुओं और यात्रियों को बड़ी सुविधा
गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक लाभ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मिलेगा। प्रयागराज एवं आसपास के जिलों के लोग अमरोहा में लगने वाले ऐतिहासिक तिगरी मेले तक आसानी से पहुंच पाएंगे। वहीं मेरठ, हापुड़ और अमरोहा से प्रयागराज संगम तक पहुंचने का सफर भी बेहद सरल हो जाएगा। आस्था की डुबकी लगाने वाले भक्तों को अब लंबे और थकाऊ सफर का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वादकारियों और अधिवक्ताओं के लिए भी मददगार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता और वादकारी भी इस एक्सप्रेसवे से बड़ी राहत महसूस करेंगे। अब वे सुबह घर से निकलकर प्रयागराज हाईकोर्ट में अपने मुकदमों की पैरवी कर सकेंगे और शाम तक वापस लौट पाएंगे। इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी और समय की भी बचत होगी।
औद्योगिक ग्रीन कॉरिडोर में जमीन खरीद अधूरी
गंगा एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना पर अभी पूरी तरह अमल नहीं हो सका है। मंगरौला, दौलतपुर कला और रुस्तमपुर खादर गांवों में करीब 2200 बीघा भूमि खरीदी जानी है। फिलहाल केवल 60 प्रतिशत जमीन की ही खरीद पूरी हो सकी है। किसान सर्किल रेट बढ़ाने की मांग को लेकर बैनामा कराने में देरी कर रहे हैं।
विकास की नई दिशा
गंगा एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए सुविधा लेकर आएगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास के नए रास्ते भी खोलेगा। इसके दोनों ओर औद्योगिक क्षेत्र बसने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम होगी और दोनों क्षेत्रों का आपसी जुड़ाव और मजबूत होगा।