Benefits of stale bread: नई दिल्ली। भारतीय भोजन में रोटी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रायः दोपहर अथवा रात के भोजन में रोटी के बिना थाली अधूरी प्रतीत होती है। किन्तु कई बार ऐसा होता है कि भोजन के पश्चात कुछ रोटियाँ बच जाती हैं। प्रचलित मान्यता यह है कि बासी रोटियाँ स्वादहीन होती हैं, किन्तु आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों का मत है कि इन रोटियों में अनेक ऐसे गुण निहित रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होते हैं। Stale Roti Benefits
विशेषज्ञों के अनुसार, जब रोटी पूरी रात रखी जाती है तो उसमें स्वाभाविक रूप से हल्की किण्वन प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। इस कारण उसमें ऐसा प्रतिरोधी स्टार्च (Resistant Starch) उत्पन्न होता है, जो शरीर में धीरे-धीरे पचता है। इसका परिणाम यह होता है कि लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है और रक्त में शर्करा का स्तर अचानक नहीं बढ़ता। इसी कारण प्रातःकाल बासी रोटी का सेवन, विशेषकर ठंडे दूध के साथ, मधुमेह पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभकारी माना जाता है।
पाचन शक्ति को सुदृढ़ करने में भी बासी रोटी सहायक
पाचन शक्ति को सुदृढ़ करने में भी बासी रोटी सहायक है। किण्वन से इसमें बनने वाले कुछ तत्व आंतों में विद्यमान अच्छे जीवाणुओं (Good Bacteria) को पोषण देते हैं। ये जीवाणु कब्ज, अम्लता, गैस तथा अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, बासी रोटी प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity) को भी सशक्त बनाती है। आयुर्वेद में माना गया है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का संबंध पेट से गहराई से जुड़ा होता है। जब पाचन क्रिया सुचारु रहती है, तब शरीर विभिन्न रोगों से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ पाता है।
जो व्यक्ति अपना वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए भी बासी रोटी एक अच्छा विकल्प है। इसमें कैलोरी की मात्रा अपेक्षाकृत कम तथा रेशा (Fibre) अधिक होता है। इस कारण भूख जल्दी नहीं लगती और भोजन का सेवन नियंत्रित रहता है, जिससे धीरे-धीरे वजन घटाने में सहायता मिलती है। बासी रोटी में बनने वाला विशेष प्रकार का स्टार्च आँतों को स्वच्छ रखता है और शरीर को आवश्यक विटामिन एवं खनिज तत्वों को ग्रहण करने में सहायक होता है। इस प्रकार, साधारण दिखने वाली बासी रोटी स्वास्थ्य संवर्धन का एक सरल और प्रभावी माध्यम है। Stale Roti Benefits