नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आरंभ किए जा रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान “स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार” में आयुष मंत्रालय भी सक्रिय भागीदारी करेगा। यह विशेष अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे देश में संचालित होगा। इस अवधि में केंद्र व राज्य सरकारें, आयुष संस्थान, शिक्षण संस्थान, उद्योग जगत, गैर-सरकारी संगठन तथा सहकारी समितियाँ मिलकर महिलाओं के स्वास्थ्य संरक्षण और रोगों की जाँच हेतु विविध कार्यक्रम चलाएँगी। Ayush Ministry Health Campaign
इस 16 दिवसीय पहल के अंतर्गत कैंसर, एनीमिया, तपेदिक, सिकल सेल रोग तथा अन्य गैर-संचारी रोगों की जाँच के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएँगे। साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ, पोषण–स्वच्छता जागरूकता और रक्तदान जैसे कार्य भी होंगे। अभियान का मुख्य लक्ष्य महिलाओं और बच्चों में एनीमिया, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग (पीसीओडी) और जीवनशैली संबंधी रोगों के प्रति जागरूकता तथा आयुष-आधारित उपचार को बढ़ावा देना है।
योग सत्र, जीवनशैली परामर्श, प्रकृति परीक्षण केंद्र, स्कूलों में जागरूकता शिविर, रेडियो-टीवी कार्यक्रम तथा सोशल मीडिया गतिविधियों के माध्यम से यह संदेश व्यापक स्तर पर पहुँचाया जाएगा। जनता को घरेलू उपचार, औषधीय पौधों के उपयोग, हर्बल चाय के लाभ और पोषण संबंधी जानकारी दी जाएगी। अभियान का एक उद्देश्य यह भी है कि आयुर्वेद और योग के सहारे मानसिक तनाव एवं कॉर्पोरेट जीवन की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
पंचायत स्तर पर स्वयं सहायता समूह रैलियों, शपथ कार्यक्रमों और सामुदायिक बैठकों के जरिए लोगों को जोड़ेगा। अभियान का मकसद गर्भावस्था से लेकर जीवन के अंतिम चरण तक महिलाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त एनीमिया मुक्त महिलाएँ, तनाव रहित जीवन, हड्डियों का स्वास्थ्य और हर्बल पोषण जैसे विषयों पर प्रतिदिन आयुष स्वास्थ्य सुझाव सोशल मीडिया मंचों पर साझा किए जाएँगे ताकि महिलाएँ अपने स्वास्थ्य की देखभाल अधिक सजगता से कर सकें। Ayush Ministry Health Campaign