
राजीवपुरम के सावन इन्सां का 96 वर्ष की उम्र में हुआ शरीरदान
करनाल (सच कहूँ न्यूज़)। Body Donation: सावन इन्सां की पार्थिव देह पर अब देश के युवा डॉक्टर शोध करेंगें व बीमारियों का ईलाज ढूंढकर देश का नाम दुनिया में चमकाने का काम करेंगें। बात कर रहे हैं करनाल के राजीवपुरम निवासी 96 वर्षीय सावन इन्सां की, जिनका मंगलवार को देहांत हो गया। मरने से पहले सावन इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा में शरीरदान का फार्म भरा हुआ था। उनकी आखरी इच्छा को पूरा करते हुए परिवार ने उनके शरीर को मरणोपरांत मेडिकल शोध के लिए मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज में दान किया है।
मंगलवार दोपहर को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों ने मानव श्रृंखला बनाकर शरीरदानी सावन इन्सां को श्रद्धासुमन अर्पित कर अंतिम विदाई दी व एंबुलेंस के माध्यम से उनके शरीर को मथुरा स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। इस दौरान सावन इन्सां अमर रहे के नारों से पूरा आसमान गुंजायमान हो गया। सावन इन्सां के पुत्र अशोक इन्सां ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है।
उसके पिता सावन इन्सां मरने से पहले कई बार कहते थे कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसके शरीर को जलाने की बजाए मेडिकल शोध के लिए दान किया जाए ताकि युवा पीढी शोध कर सके। उनकी इच्छा को पूरा करते हुए परिवार ने उनकी मृत्यु के पश्चात डेरा सच्चा सौदा में संपर्क किया और मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज मेें उनका शरीर दान किया है। सावन इन्सां अपने पीछे तीन पुत्रों अशोक इन्सां, प्रताप इन्सां, पृथ्वी इन्सां, बेटी दरशो देवी व पुत्रवधु मीना इन्सां, कमलेश, जीत कौर व पौत्र, पौत्रियों को छोड़ गए हैं।
बेटियों व पुत्रवधुओं ने दिया कंधा | Body Donation
इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की बेटा-बेटी एक समान मुहिम के तहत बेटी दरशो देवी व पुत्रवधुओं मीना इन्सां, कमलेश व जीत कौर ने सावन इन्सां की अर्थी को कंधा दिया। इस मुहिम से लाजमी ही समाज में बेटा बेटी एक समान का संदेश जा रहा है।
2500 से ज्यादा हो चुके शरीरदान
डेरा सच्चा सौदा के सच्चे नम्र सेवादार किरपा राम इन्सां, राजेश व राकेश इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार जीते जी जहां मानवता की सेवा कर रहे हैं, वहीं मरणोंपरांत भी शरीर व आंखों का दान कर इन्सानियत की मिशाल कायम कर रहे हैं। पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए अब तक 2500 से ज्यादा डेरा श्रद्धालु मरणोपरांत स्वेच्छा से शरीरदान कर चुके हैं।