छछरौली (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Chhachhrauli News: बीडीपीओ कार्यालय के मीटिंग हॉल में बृहस्पतिवार को फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर उपमण्डल स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। एसडीएम रोहित कुमार अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होने कहा कि धान की कटाई शुरू हो चुकी है। कटाई के बाद किसान अपने खेतों को रबी फसलों आलू, तोरिया और गेहूं के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रेरित करें कि वे आवंटित गांवों में जाकर कैंपेनींग, मुनादी, नुक्कड़ सभाओं, स्कूल व कॉलेज व्याख्यानों का आयोजन कर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन योजनाओं के बारे में जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि ग्राम सचिव, पटवारी, नम्बरदार व सरपंच सहित ग्राम पंचायत सदस्य अपने-अपने गांवों में किसानों को इस बारे में जागरूक करें कि वे धान की कटाई के उपरांत पराली अथवा फसल के अवशेषों में आग ना लगाएं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले किसान जाने-अनजाने में अपना ही नुकसान करते है, इससे जहां भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है, वहीं मित्र कीट भी नष्ट हो जाते है और वायु प्रदूषण होता है जोकि व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि निदेशालय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा, पंचकुला के आदेशानुसार पराली जलाना वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम की उल्लंघना है। इसके तहत 5000 रुपए से 30,000 रुपए तक का जुर्माना, एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री करने का प्रावधान है।
इस अवसर पर खंड कृषि अधिकारी डॉ. हरिंदर कुमार ने बताया कि किसान पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न तरीकों का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने बताया कि किसान एक्स-सीटू विधि द्वारा पराली की गांठें बनाकर अन्य उपयोग कर सकते हैं या इन-सीटू विधि द्वारा फसल अवशेषों को खेतों में मिलाकर मृदा की उर्वरक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने पर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 1200 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। Chhachhrauli News
इस मौके पर खण्ड कृषि अधिकारी, पंचायत अधिकारी, कानूनगो, पटवारी, ग्राम सचिव, बीटीएम, एटीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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