नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में कार्यकर्ताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी है। अब यह मामला 22 सितंबर को फिर से विचाराधीन होगा। इस पर सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ कर रही है। ये सभी आरोपी वर्ष 2020 से ही न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकारा है। Delhi Riots Case News
हाल ही में, 2 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नौ आरोपियों की ज़मानत याचिकाएँ खारिज करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के अंतर्गत सुरक्षित है, लेकिन इसका उपयोग हिंसा या अव्यवस्था फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि नागरिकों को शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, किंतु इस अधिकार पर ‘उचित प्रतिबंध’ लगाए जा सकते हैं ताकि सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनी रहे।
इस मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम सहित जिन लोगों की ज़मानत खारिज हुई है उनमें गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद शामिल हैं। अब सबकी निगाहें 22 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब सर्वोच्च न्यायालय यह तय करेगा कि आरोपियों को राहत मिलेगी या नहीं। Delhi Riots Case News