UP TGT-PGT 2025: अनु सैनी। उत्तर प्रदेश सरकार ने टीजीटी-पीजीटी भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं। खासकर जीव विज्ञान (बायोलॉजी) विषय के उम्मीदवारों के लिए यह फैसला राहत भरी खबर है। अब वे भी टीजीटी भर्ती में शामिल होकर शिक्षक बनने का मौका पा सकेंगे। इससे हजारों ऐसे अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा जिन्होंने बायोलॉजी से ग्रेजुएशन और बीएड किया है, लेकिन पहले नियमों की वजह से वे बाहर हो जाते थे।
स्नातक डिग्री और बीएड अब जरूरी | UP TGT-PGT 2025
नए आदेश के मुताबिक, टीजीटी बायोलॉजी शिक्षक बनने के लिए जन्तु विज्ञान (Zoology) या वनस्पति विज्ञान (Botany) विषय से स्नातक डिग्री और बीएड अनिवार्य कर दिया गया है। पहले उम्मीदवार किसी भी संबंधित विषय से स्नातकोत्तर करके पात्र हो जाते थे, लेकिन अब केवल उन्हीं को मान्यता मिलेगी जिनका आधार विषय बायोलॉजी है। इससे योग्य और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्त किया जा सकेगा।
भूगोल विषय में परास्नातक ही होगा मान्य
पीजीटी भूगोल के लिए भी नियम सख्त कर दिए गए हैं। अब उम्मीदवार को केवल भूगोल विषय में ही एमए/एमएससी करना होगा। पहले संबंधित विषय से परास्नातक करने वाले भी आवेदन कर सकते थे, लेकिन अब नियम बदलने के बाद सिर्फ भूगोल में परास्नातक करने वाले ही पात्र होंगे।
नागरिक शास्त्र के लिए बदला नियम
इसी तरह पीजीटी नागरिक शास्त्र (Civics/Political Science) की पात्रता में भी बदलाव किया गया है। अब केवल राजनीति विज्ञान या राजनीति शास्त्र से स्नातकोत्तर करने वाले अभ्यर्थी ही योग्य माने जाएंगे। पहले इसमें कई अन्य संबंधित विषयों से स्नातकोत्तर करने वालों को भी मौका मिलता था, लेकिन अब अर्हता केवल राजनीति विज्ञान तक सीमित कर दी गई है।
हाई स्कूल स्तर पर साइंस और बायोलॉजी टीचर अलग
सरकार ने हाई स्कूल स्तर पर पढ़ाए जाने वाले विषयों की जिम्मेदारी को और स्पष्ट कर दिया है। अब साइंस और बायोलॉजी टीचर अलग-अलग होंगे। यानी विज्ञान पढ़ाने के लिए अलग से साइंस शिक्षक और जीव विज्ञान पढ़ाने के लिए अलग से बायोलॉजी शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। दोनों पदों की योग्यता भी अलग-अलग तय की गई है, ताकि छात्रों को विषयवार विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो सकें।
पुराने आदेश को रद्द कर लागू हुआ नया नियम
विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने यह संशोधित आदेश जारी किया है। इसे राज्यपाल की मंजूरी भी मिल चुकी है। इस आदेश के तहत 22 अप्रैल को जारी पुराने आदेश को रद्द कर दिया गया है। नया नियम 9 सितंबर से लागू हो चुका है, और अब इसी के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बदलाव से उम्मीदवारों में उत्साह
सरकार के इस फैसले से बायोलॉजी विषय से पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों में खुशी की लहर है। पहले पात्रता की शर्तों की वजह से हजारों अभ्यर्थी बाहर रह जाते थे, लेकिन अब उन्हें भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर अध्यापक बनने का मौका मिलेगा। वहीं, भूगोल और नागरिक शास्त्र में नियम कड़े होने से इन विषयों में केवल विशेषज्ञ उम्मीदवार ही प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
भर्ती प्रक्रिया होगी पारदर्शी
शिक्षा विभाग का मानना है कि इन बदलावों से भर्ती प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित हो जाएगी। प्रत्येक विषय में योग्य और विशेषज्ञ शिक्षक ही चयनित होंगे। साथ ही छात्रों को भी उनके विषय के अनुसार बेहतर शिक्षा मिल पाएगी।