
कैथल सच कहूँ /कुलदीप नैन | जिलेभर की अनाज मंडियों में धान का सीजन जोरो पर चल रहा है | लेकिन आवक के अनुरूप उठान नहीं हो रहा जिस कारण शहर की नई अनाज मंडी पूरी तरह से भर गयी है | मंडी में जगह न मिल पाने के कारण किसान अनाज मंडी के बाहर सडको पर और खाली जगह में धान डालने को मजबूर है | अनाज मंडी के बाहर भी सड़को के निर्माण के चलते जगह कम है जिससे किसान कच्चे में ही तिरपाल डालकर अपनी धान की फसल डालने को मजबूर है | कच्चे में धान की ट्राली उतारते समय कई किसानो की फसल नीचे मिट्टी में भी डल जाती है | जिसे बाद में किसान को उसे साफ़ करने में काफी समय लग जाता है | किसानो का सोना मंडी में आने के बाद भी मिट्टी में मिल रहा है जोकि चिंता का विषय है |
यहाँ पर अभी तक 3 लाख 37 हजार 191 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है जिसमे से 2 लाख 95 हजार126 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है लेकिन उठान अभी तक सिर्फ 1 लाख 30 हजार 150 क्विंटल का ही हो पाया है | उठान न होने के कारण किसान मजबूरी में आंतरिक सड़कों के बीचोंबीच फसल डाल रहे हैं। जिससे अनाज मंडी के रास्ते अवरुद्ध हो रहे है और जो थोडा बहुत उठान करने के लिए ट्रंक आ रहे है वे भी रास्तो में धान पड़ी होने के कारण मुश्किल से निकल पा रहे है | उठान का काम धीमा होने से आढती और किसानो में रोष है | अधिकारियो का कहना है कि पोर्टल पर ट्रंक अपलोड न होने के कारण थोड़ी बहुत समस्या आ रही थी | अब उठान कार्य में तेजी आएगी |
एरिया मिसमैच , गेट पास कटने में आ रही परेशानी
वहीं दूसरी तरफ जिले में अभी भी हजारो एकड़ एरिया मिसमैच है। जिस कारण किसानो के फसल कटाई के बाद भी गेटपास नहीं कट रहे हैं। 10 में से 6 किसानो के गेट पास ही कट रहे है | यानि मंडी में आए आधे किसान ऐसे है जिनको गेट पास नही मिल रहे | ये किसान मार्केट कमेटी कार्यालय और कृषि विभाग के चक्कर काटने में ही लगे हुए है लेकिन समस्या का हल नहीं हो रहा। कुछ किसान तो आढ़तियों के फड़ों पर फसल डालकर पहरा दे रहे हैं क्योकि गेटपास नहीं कटने से उनकी फसल की खरीद नहीं हो पा रही। वहीं जिन किसानो का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल 15 या फिर 30 एकड़ से अधिक का पंजीकरण है। उनको स्पेशल वेरिफिकेशन हो रही है। स्पेशल वेरिफिकेशन होने के बाद ही पता चलता है कि उक्त किसान की कितनी क्विंटल फसल तक का गेटपास कट सकता है।
किसान राजेश ने बताया कि उसका गेट पास नहीं कटा है | जिसके कारण दो दिन से अनाज मंडी में ही रहना पड़ रहा है | मंडी में इस समय मच्छरो की भरमार है | मच्छरों से बीमारी फैलने का खतरा है | मार्किट कमेटी द्वारा मंडी में फोगिंग करवाई जानी चाहिए | सफाई व्यवस्था की तरफ भी ध्यान देना चाहिए | इस बार भाव भी कम मिल रहे है और अन्य परेशानी भी आ रही है |
शुरुआत में पोर्टल धीमा होने के कारण उठान प्रक्रिया में दिक्कते आ रही थी | पोर्टल पर ट्रंक अपलोड न होने के कारण समस्या थी | अब उठान कार्य में तेजी आएगी | जल्द ही मंडी में भी जगह खाली हो जाएगी |किसानो से अपील है कि वे अपनी फसल को सुखाकर ही मंडी में लाए ताकि बेचने में कोई समस्या न आये |
नरेंद्र ढुल , सचिव , मार्किट कमेटी कैथल