
Expressway News: अनु सैनी।देश में अब तक सबसे चौड़े एक्सप्रेसवे का खिताब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास है। यह फिलहाल 8 लेन का है और जरूरत पड़ने पर इसे 12 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। इसी तरह, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा (दिल्ली से डासना तक) 14 लेन का जरूर है, लेकिन पूरे मार्ग में यह ज्यादातर 6 लेन का ही है। अब दक्षिण भारत में बनने वाला नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इन सभी रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ देगा।
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कहां से कहां तक बनेगा नया एक्सप्रेसवे? Expressway News
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार से जो नया एक्सप्रेसवे प्रस्तावित किया है, वह हैदराबाद की भारत फ्यूचर सिटी से शुरू होगा। यह आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती होते हुए मछलीपत्तनम पोर्ट तक जाएगा।
- इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई होगी 330 किलोमीटर
- इसमें से लगभग 118 किलोमीटर का हिस्सा तेलंगाना में आएगा
- यह परियोजना पूरी तरह से नई होगी और इसे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है।
तेलंगाना के लिए क्यों जरूरी है यह एक्सप्रेसवे?
तेलंगाना एक लैंडलॉक्ड राज्य है, यानी यहां कोई समुद्री बंदरगाह नहीं है। ऐसे में व्यापार और निर्यात के लिए राज्य को आंध्र प्रदेश के पोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है। हैदराबाद और मछलीपत्तनम पोर्ट के बीच सीधा 12 लेन का हाइवे बनने से लॉजिस्टिक्स आसान होगा, माल ढुलाई की गति बढ़ेगी और तेलंगाना की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मांग
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने औपचारिक रूप से 12 लेन एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव सौंपा। रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना के पास बंदरगाह नहीं है और इस वजह से राज्य को देश और विदेश के बाजारों से जोड़ने के लिए यह सड़क बेहद जरूरी है।
केंद्र सरकार का रुख
नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को आश्वासन दिया कि इस परियोजना की फिजिबिलिटी स्टडी कराई जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञ अधिकारियों की एक टीम जल्द ही हैदराबाद जाएगी और परियोजना का विस्तृत अध्ययन करेगी। इससे यह तय होगा कि 12 लेन एक्सप्रेसवे बनाना कितना व्यावहारिक और फायदेमंद रहेगा।
कब होगी अहम बैठक?
सूत्रों के मुताबिक, 22 सितंबर को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की एक रिव्यू मीटिंग होगी। इसमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों के साथ मिलकर इस परियोजना पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में एक्सप्रेसवे की संभावनाओं और भविष्य की रोडमैप पर फैसला लिया जा सकता है।
रिकॉर्ड तोड़ेगा यह प्रोजेक्ट
अगर केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी तो यह देश का सबसे चौड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यह न सिर्फ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का रेकॉर्ड तोड़ेगा, बल्कि दक्षिण भारत की सड़क कनेक्टिविटी को एक नए स्तर पर ले जाएगा। इसके बनने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों को समान रूप से लाभ मिलेगा।