बेमौसमी बारिश ने तोड़े किसानों के सपने, मंडी में भीगी तो खेतो में बिछी धान की फसलें

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Kaithal बेमौसमी बारिश ने तोड़े किसानों के सपने, मंडी में भीगी तो खेतो में बिछी धान की फसलें

कैथल सच कहूँ/ कुलदीप नैन। शहर में बुधवार को दोपहर बाद फिर मौसम ने करवट ली। शहर में दोपहर बाद 3 बजे हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं सीवन क्षेत्र में बारिश होने से मंडियों में खुले में रखा धान भीग गया। पिछले चार दिन से हुए मौसम में बदलाव से अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को कैथल का अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 18.0 डिग्री रहा।

किसानो ने बताया कि इस बार धान का सीजन बहुत खराब गया। पहले बीमारियों की वजह से फसल खराब हुई और उत्पादन करीब 30 से 50 प्रतिशत प्रति एकड़ कम हुआ। अब वर्षा व तेज हवा के कारण फसल जमीन पर गिर गई है। मंडियों में रखी धान भी भीग गई जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। सब्जियों की फसल भी इस वर्षा से प्रभावित हुई है। एजेंसियों की तरफ से पहले ही मंडियों में नमी के नाम पर लुट मचाई जा रही है। अब बारिश लगने के बाद तो फसल को औने पौने दामों पर खरीदा जाएगा, क्योंकि बारिश की बूंदें लगने के बाद एजेंसियों को नमी का बहाना मिल गया है। इस बार के धान सीजन ने किसानों की कमर तोड़ दी है। लाभ तो क्या होना था इस बार किसानों के लिए लागत पूरी करना भी मुश्किल हो गया है।

वर्षा से धान की कटाई हुई लेट

मंडी में फसल लेकर आए किसान राजेश, सुरेश और सत्यवान ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में फसल जमीन पर बिछ गई है, अब कंबाइन से काटने में दिक्कत आएगी और कंबाइन वाला अधिक रुपए लेगा। पकी हुई फसल को अब हाथ से कटाई करवाने का समय बचा नहीं है। धान की कटाई पहले ही तीन से चार दिन लेट हो गई। इससे आगे जाकर गेहूं की बुआई लेट होगी। सीवन क्षेत्र में किसानों ने सब्जी की बुवाई के लिए जमीन तैयार की हुई थी, एक सप्ताह लेट हो गई है।

राइस मिलर्स सागर ने कहा कि जिले में अधिक वर्षा के चलते पीआर धान के चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। दाना काला पड़ गया है। वर्षा से उत्पादन और गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुंचेगा।

कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रमेश वर्मा ने बताया कि इस वर्षा से धान की फसल को नुकसान हुआ है। बारिश से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आ गई है। आगामी दिनों में बारिश से राहत मिलेगी।