
हांसी (सच कहूँ/मुकेश)। कभी यात्रियों की सुविधा और सफाई का प्रतीक माने जाने वाले हांसी बस स्टैंड की तस्वीर आज किसी उपेक्षा के शिकार सरकारी ढांचे जैसी बन चुकी है। यह वह जगह है जहां से हर रोज सैकड़ों बसें और हजारों सवारियां अपने गंतव्य की ओर रवाना होती हैं, मगर स्वागत अब गंदे पानी, बदबू और टूटी सड़कों से होता है। जैसे ही कोई हांसी बस स्टैंड के नजदीक पहुंचता है, सीवर का गंदा और बदबूदार पानी यात्रियों का स्वागत करता दिखाई देता है। बस स्टैंड के दो मुख्य द्वार है एक दिल्ली की ओर जाने वाली बसों का और दूसरा सिरसा की ओर जाने वाली बसों का दोनों पर ही सीवरेज ओवरफ्लो की स्थिति बनी हुई है। यह दृश्य न केवल यात्रियों को परेशान करता है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और पब्लिक हेल्थ विभाग की निष्क्रियता को भी उजागर करता है। बस स्टैंड के अंदर प्रवेश करते ही गहरे गड्ढे और उखड़ा हुआ फर्श इस स्थान की वास्तविकता बयां करते हैं। यह हालात कोई एक-दो बरसातों का नतीजा नहीं, बल्कि लंबे समय से चली आ रही अनदेखी का परिणाम हैं। यात्रियों को हर कदम संभलकर रखना पड़ता है ताकि कीचड़ और पानी में फिसलने से बच सकें।
कई बार किया सूचित, पर हालात जस के तस
हरियाणा रोडवेज विभाग के अधिकारी राजवीर ने बताया कि हमने कई बार विधायक और विभागीय अधिकारियों को इस स्थिति से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यात्रियों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
प्रशासन पर उठे सवाल
हांसी के जल्द जिला बनने की दिशा में बढ़ते कदमों के बीच बस स्टैंड की यह हालत शहर की छवि पर सवाल खड़े करती है। लोगों का कहना है कि यदि मुख्य बस स्टैंड की यह दशा है, तो प्रशासनिक दावे केवल कागजों तक ही सीमित दिखाई देते हैं। अब देखना यह होगा कि जिला का दर्जा पाने की राह पर अग्रसर हांसी का बस स्टैंड कब तक अपनी गंदगी और अव्यवस्था से मुक्त होकर ह्यमुख्य द्वारह्ण की गरिमा वापस पा सकेगा।
बजट जारी, कार्रवाई गायब
सूत्रों के अनुसार, सीवरेज लाइन और शौचालय की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा 10 लाख रुपए का बजट मांगा गया था, जो हरियाणा रोडवेज विभाग से पास होकर 19 सितंबर 2025 को विभाग के खाते में जमा भी हो चुका है। इसके बावजूद अब तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं आई। पब्लिक हेल्थ विभाग के इस ढीले रवैये ने यात्रियों और कर्मचारियों दोनों को परेशानी में डाल रखा है।