तीसरे कार्यकाल में 2 लाख युवाओं को देंगे नौकरियां: मुख्यमंत्री नायब सैनी

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Chandigarh News: तीसरे कार्यकाल में 2 लाख युवाओं को देंगे नौकरियां: मुख्यमंत्री नायब सैनी

शिक्षा में सुधार और युवाओं को रोजगार देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: सीएम

  • बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को दी डिग्रियां और मेडल

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे सुधारों पर बल दे रही है, जिनसे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलें और वे समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें। प्रदेश सरकार ने बिना पर्ची-खर्ची के अब तक 1.80 लाख युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी हैं और तीसरे कार्यकाल में 2 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। Chandigarh News

मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते रहे, उनकी मेहनत अवश्य रंग लाएगी। मुख्यमंत्री बुधवार को रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधियां प्रदान की।

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  • पीएम के सपनों को साकार करने में जुटा हरियाणा

नायब सिंह सैनी ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षण संस्थान के गौरव और उपलब्धि का प्रतीक होु ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हमारी भावी पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे। इसके लिए उन्होंने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अपने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2024 में लागू कर दिया है।

शिक्षा और रोजगार की खाई को पाटना लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटना। इसके लिए हमें शिक्षा को केवल क्लासरूम तक सीमित न रखकर, उसे सीधे उद्योगों की वर्तमान जरूरतों से जोड़ना होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इंडस्ट्री-एकेडमी पार्टनरशिप को अपनाना होगा। इस दिशा में हमने तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट के लिए 580 से अधिक उद्योगों से समझौते किये हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। कई विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किये गए हैं।

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