Diabetes Diet:अनु सैनी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि फल हमारे शरीर के लिए विटामिन, मिनरल, फाइबर और एंटीआॅक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत हैं। लेकिन, हर फल हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए, कुछ फलों में मौजूद अधिक प्राकृतिक शर्करा और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (ॠक) ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
डायबिटीज और हाई शुगर का खतरा | Diabetes Diet
डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान में खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि काबोर्हाइड्रेट और शुगर का सेवन सीधे ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। कई मीठे फल ऐसे होते हैं, जिनमें फ्रुक्टोज, ग्लूकोज और सुक्रोज की मात्रा अधिक होती है। इनका अधिक सेवन इंसुलिन पर दबाव डालता है और शुगर लेवल को अनियंत्रित कर देता है। कपिल त्यागी, डायरेक्टर — आयुर्वेद क्लिनिक, बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को कुछ विशेष फलों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए या पूरी तरह से बचना चाहिए।
1. आम (Mango)
आम को “फलों का राजा” कहा जाता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए यह मीठा फल परेशानी का कारण बन सकता है।
पोषक तत्व और काबोर्हाइड्रेट — एक मध्यम आकार के आम में लगभग 25-30 ग्राम काबोर्हाइड्रेट और 22-24 ग्राम प्राकृतिक शर्करा होती है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) — 51-60 के बीच, जो मध्यम से उच्च श्रेणी में आता है।
ग्लाइसेमिक लोड (GI)— ज्यादा मात्रा में खाने पर इसका ॠछ काफी बढ़ जाता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से ऊपर जाता है।
खतरा:-
ज्यादा मात्रा में आम का सेवन ब्लड शुगर को अचानक बढ़ा सकता है। विशेष रूप से, अगर इसे मीठे शेक, आइसक्रीम या अन्य काबोर्हाइड्रेट युक्त भोजन के साथ खाया जाए, तो डायबिटीज मरीजों के लिए यह गंभीर नुकसानदायक हो सकता है।
2. केला (Banana)
केला ऊर्जा का अच्छा स्रोत है और पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर से भरपूर होता है, लेकिन डायबिटीज मरीजों के लिए इसकी मात्रा पर नियंत्रण जरूरी है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स — पके हुए केले का ॠक अधिक होता है (51-55), जबकि कच्चे केले का ॠक अपेक्षाकृत कम (30-40) होता है।
काबोर्हाइड्रेट मात्रा — एक मध्यम आकार के केले में लगभग 20-25 ग्राम काबोर्हाइड्रेट होता है, जिसमें से अधिकांश शर्करा के रूप में होता है।
खतरा:-
पका केला खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है। डायबिटीज मरीजों को हफ्ते में 1-2 बार और आधा केला से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।
3. शरीफा (Custard Apple)
शरीफा मीठा और मुलायम फल है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए सीमित मात्रा में ही ठीक है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स — लगभग 54, जो मध्यम श्रेणी में आता है।
काबोर्हाइड्रेट — 100 ग्राम शरीफा में लगभग 25-30 ग्राम काबोर्हाइड्रेट होता है।
प्राकृतिक शर्करा — इसमें फ्रुक्टोज अधिक होता है, जो तेजी से शुगर लेवल बढ़ा सकता है।
खतरा:-
अत्यधिक सेवन से ब्लड शुगर लेवल हद से ज्यादा बढ़ सकता है और यह इंसुलिन पर दबाव डाल सकता है।
डायबिटीज मरीजों में फल चुनने के नियम
डायबिटीज मरीजों को फल चुनते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:-
1. लो GI वाले फल चुनें — जैसे सेब, अमरूद, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, पपीता।
2. मात्रा नियंत्रित करें — चाहे फल हेल्दी हों, लेकिन 100-150 ग्राम से ज्यादा न खाएं।
3. फलों को जूस के रूप में न लें — जूस में फाइबर कम और शुगर ज्यादा होती है।
4. मीठे फलों को खाली पेट न खाएं — इससे शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित फल
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज के मरीज भी सही फल चुनकर और सही समय पर खाकर अपनी डाइट में इन्हें शामिल कर सकते हैं।
1. सेब (Apple) — लो GI (36), फाइबर और एंटीआॅक्सीडेंट्स से भरपूर।
2. अमरूद (Guava) — विटामिन c, फाइबर और लो शुगर कंटेंट।
3. नाशपाती (Pear) — लो GI, पोटैशियम और विटामिन K से भरपूर।
4. पपीता (Papaya) — लो GI, पाचन के लिए फायदेमंद।
5. स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और अन्य बेरीज — हाई एंटीआॅक्सीडेंट और लो शुगर कंटेंट।
फल खाने का सही समय और तरीका
नाश्ते के बाद या स्नैक टाइम पर — ताकि शुगर लेवल धीरे-धीरे बढ़े।
प्रोटीन या फाइबर के साथ — जैसे सेब के साथ मूंगफली या अमरूद के साथ सलाद।
दिन में 1-2 बार — बार-बार मीठे फल खाने से बचें।
रात में मीठे फल न खाएं — इससे सोते समय शुगर लेवल बढ़ सकता है।
डायबिटीज में हाई शुगर के नुकसान
लंबे समय तक ब्लड शुगर हाई रहने से यह समस्याएं हो सकती हैं:-
हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा
किडनी डैमेज और फेलियर
आंखों की रोशनी पर असर (रेटिनोपैथी)
नर्व डैमेज (Neuropathy)
पैर में घाव और संक्रमण का खतरा बढ़ना
विशेषज्ञ की सलाह
कपिल त्यागी के अनुसार:-
“फल हेल्दी हैं, लेकिन डायबिटीज मरीजों के लिए फल चुनते समय उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड जानना बेहद जरूरी है। सही फल, सही मात्रा और सही समय पर खाने से डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है।”
नोट:-इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीकों और दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, सच कहूं इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह की किसी भी उपचार दवा या डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने किसी संबंधी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।