बस टेंडर स्थगित होने के बाद रोडवेज यूनियन ने चक्का जाम फिलहाल टाला

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Chandigarh News: बस टेंडर स्थगित होने के बाद रोडवेज यूनियन ने चक्का जाम फिलहाल टाला

डिपो मीटिंग के बाद यूनियन ने लिया निर्णय, सरकार से समस्या के स्थायी समाधान की मांग

  • 31 अक्टूबर तक हड़ताल स्थगित, समाधान न मिलने पर गुप्त कार्रवाई की चेतावनी दी
  • 23 जिलों में हुआ विरोध-प्रदर्शन, कई स्थानों पर यातायात बाधित

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। Chandigarh News: पंजाब और चंडीगढ़ में रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन द्वारा प्रस्तावित चक्का जाम प्रदर्शन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यूनियन ने डिपो परिसर में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया कि सरकार द्वारा बस टेंडर प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित किए जाने के बाद वे भी 31 अक्टूबर तक अपनी हड़ताल को टाल रहे हैं। यूनियन नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित तिथि तक सरकार ने कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला, तो अगली बार बिना किसी पूर्व सूचना के गुप्त कार्रवाई की जाएगी। Chandigarh News

उन्होंने चेतावनी दी कि बसों को वहीं रोका जाएगा जहां वे चल रही होंगी और अचानक हाईवे जाम किए जाएंगे। वीरवार को पंजाब के सभी 23 जिलों में रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के अनुबंध कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम बसों की निविदा रद्द करने की मांग को लेकर दोपहर 12 बजे से चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अमृतसर में बड़ी संख्या में कर्मचारी राजमार्ग पर उतर आए और नारेबाजी करते हुए चक्का जाम शुरू कर दिया।

इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की घटनाएं हुईं। जालंधर में आंदोलन शुरू होने से पहले ही पुलिस ने रोडवेज डिपो को घेर लिया और भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। गेट पर बैरिकेडिंग कर कर्मचारियों को बाहर निकलने से रोका गया, जिसके विरोध में कर्मचारियों ने डिपो परिसर के अंदर ही धरना शुरू कर दिया। लुधियाना में कर्मचारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। राजमार्ग और बस स्टैंड के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया गया ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।

सात मांगों पर समाधान न मिलने से नाराजगी | Chandigarh News

संघ के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को पंजाब रोडवेज जालंधर-2 के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 23 अक्टूबर को राज्यभर में चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जुलाई 2024 के आदेशों के अनुसार अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने और सात मांगों पर समाधान निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके विपरीत विभागों के निजीकरण की मंशा से किलोमीटर स्कीम बसों की निविदा जारी की जा रही है।

सिंह ने बताया कि संगठन ने इस स्कीम से होने वाले वित्तीय नुकसान का तर्कसंगत विवरण सरकार को प्रस्तुत किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी निजी कॉपोर्रेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार को गुमराह कर रहे हैं। संगठन इसका कड़ा विरोध करेगा और संबंधित अधिकारियों के आवासों के सामने धरना देगा।

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