Scholarship: प्रदेश के किसी भी विद्यार्थी की स्कॉलरशिप राशि न छूटे, अधिकारी करें सुनिश्चित: मुख्यमंत्री सैनी

Chandigarh News
Chandigarh News: प्रदेश के किसी भी विद्यार्थी की स्कॉलरशिप राशि न छूटे, अधिकारी करें सुनिश्चित: मुख्यमंत्री सैनी

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। Scholarship: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत किसी भी विद्यार्थी की स्कॉलरशिप राशि न छूटे इसके लिए हरियाणा भवन स्थित आवासीय आयुक्त यह सुनिश्चित करें कि केंद्रीय मंत्रालयों के द्वारा चलाई जा रही स्कीमों की जानकारी लेने के लिए संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर रखें और प्रदेश सरकार के विभागों को भी इस बारे में नियमित रूप से अवगत कराएं। Chandigarh News

साथ ही स्कूल व कॉलेजों के प्रिंसिपल भी विद्यार्थियों को योजनाओं की जानकारी दें और उनके स्कॉलरशिप के आॅनलाइन फार्म भी भरवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री आज सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में एससी व बीसी विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

विद्यार्थियों को पात्रता की जानकारी होगी मुहैया | Chandigarh News

विद्यार्थियों के दाखिले के समय ही काउसंलिग के दौरान अधिकारी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को जानकारी दें कि यदि वे स्कॉलरशिप योजना के पात्रता में आते हैं तो विद्यार्थी का बैंक खाता आधार से लिंक करवाएं, ताकि उन्हें समय पर स्कॉलरशिप मिल सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष ध्यान देश के युवाओं के स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) पर केंद्रित है, ताकि हर युवा आत्मनिर्भर बन सके और अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग कर सके।

इसी दिशा में हरियाणा सरकार भी राज्य के विद्यार्थियों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से जुड़े अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के युवाओं के कौशल को निखारने पर विशेष बल देगी। सरकार का लक्ष्य है कि ये विद्यार्थी न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करें बल्कि रोजगार योग्य बनें और आत्मसम्मान के साथ समाज में अग्रणी भूमिका निभाएं।

ताकि कोई विद्यार्थी तंगी में न छोड़े पढ़ाई

यह सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी मेधावी व जरूरतमंद छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप योजनाओं की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। उन्होंने कहा कि हर स्कूल और कॉलेज में सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी छात्रवृत्ति योजनाओं की पूरी जानकारी साफ-साफ लिखी हो ताकि विद्यार्थियों को फार्म भरने और आवेदन की प्रक्रिया में कोई कठिनाई न हो। Chandigarh News

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं की ग्राउंड मॉनिटरिंग करें और समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपें, ताकि प्रदेश सरकार अपनी 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी विद्यार्थियों के खातों में डाल सकें और शेष 60 प्रतिशत केंद्र की हिस्सेदारी सीधे डीबीटी के माध्यम विद्यार्थियों के खाते में आ सके।

स्कॉलरशिप में 40 फीसदी प्रदेश और 60 फीसदी केंद्र का है हिस्सा

बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि स्कॉलरशिप योजनाएं उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, पशुपालन एवं डेयरी, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान तथा आयुष विभागों द्वारा चलाई जा रही हैं। विद्यार्थियों स्कॉलरशिप के लिए को उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना होता है।

उसके बाद संबंधित कॉलेज या विश्वविद्यालय तथा विभाग द्वारा सत्यापित करना होता है। इसके उपरांत राज्य सरकार की हिस्सेदारी का 40 प्रतिशत अदायगी की जाती है। तदनुसार 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में डाला जाता है।

यह भी पढ़ें:– Labour Card: मुख्यमंत्री सहायता केंद्र में लेबर कार्ड बनाने हेतु विशेष शिविर आयोजित