डेरा सच्चा सौदा की मदद और इलाज के बाद मिला नया जीवन
Welfare Work: संगरिया(सच कहूँ/सुरेंद्र जग्गा)। मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को मुख्यधारा में शामिल कर उन्हें रोजगार देना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके विकास और समाज में भागीदारी को सुनिश्चित करता है। इसके लिए डेरा सच्चा सौदा की ह्यइंसानियत मुहिमह्ण के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैंै। इसी कड़ी में डेरा सच्चा सौदा के संगरिया के सेवादारों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक का इलाज करवाकर उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ा। यहीं नहीं सेवादारों ने युवक के परिजनों का पता न चलने पर उसे रोजगार प्रदान करते हुए मानवता भलाई केन्द्र में ही नौकरी पर रखा ताकि वह स्वाभिमान के साथ अपना जीवन जी सके। Sangaria News
परिजनों का पता न चलने पर दिया रोजगार
दरअसल 18 अप्रैल 2025 को डबवाली रोड पर एक युवक लावारिस हालत में भटक रहा था। उसके कपड़े फटे और बुरे हाल में था। सेवादार भाई जगतार सिंह की नजर जब उस पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी इकाई सांगरिया को इसकी सूचना दी। पुलिस को सूचना देने के बाद सेवादारों के सहयोग से उस युवक की मदद की। ईलाज के बाद स्वास्थ्य ठीक होने पर युवक ने अपना नाम पिंटू बताया इसके अलावा उसने अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दी। तो डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने युवका का ईलाज करवाकर उसे नौकरी देकर समाज में एक मिसाल कायम की। Sangaria News
यह मानवीय कार्य दर्शाता है कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार, पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा का अनुसरण करते हुए किस तरह जरूरतमंद और बेसहारा लोगों की मदद करते हैं। इस तरह की नि:स्वार्थ सेवा मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आती है और समाज में मानवता का संदेश फैलाती है। इस पुनीत कार्य में संगरिया ब्लॉक के सभी समितियां के जिम्मेदार भाई-बहन सहयोग कर रहे हैं।
इलाज के बाद बदली युवक की जिंदगी
सेवादारों ने डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई केंद्र में रखकर पिंटू की सार-संभाल के बाद निष्काम सेवा फाउंडेशन के तहत उसका इलाज करवाया। लगभग 5 माह तक पिंटू के मानसिक स्वास्थ्य के उपचार के बाद, युवक की स्थिति में काफी सुधार हुआ। वह अब सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है और बातचीत करने में सक्षम है। संस्था ने न सिर्फ उसका इलाज करवाया, बल्कि उसके गुमशुदा परिजनों का पता न चलने पर उसे रोजगार भी उपलब्ध कराया, जिससे वह अब समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बन गया है। जब युवक पूरी तरह स्वस्थ हो गया, तो उसके सामने भविष्य का सवाल खड़ा था। परिजनों का पता न चलने पर सेवादारों ने उसे आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया। उसकी रुचि और कौशल को देखते हुए मानवता भलाई केन्द्र में मानसिक रूप से परेशान लोगों की देखभाल करने की नौकरी दी गई।
समाज में मिला सम्मान | Sangaria News
युवक का नया जीवन देखकर संस्था के सदस्य और स्थानीय लोग काफी खुश हैं। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के जिम्मेवार भाई लालचंद इन्सां का कहना है कि, ह्यह्यहमारा लक्ष्य सिर्फ इलाज करना नहीं था, बल्कि उसे एक सम्मानजनक जीवन देना भी था। आज वह जिस तरह से अपनी जिंदगी जी रहा है, वह हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।ह्णह्ण यह घटना दर्शाती है कि अगर हम संवेदनशील होकर जरूरतमंदों की मदद करें, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। पिंटू मानवता भलाई केंद्र संगरिया में सभी सेवा कार्य बड़ी लगन से कर रहा है उसमें आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल रहा है कहीं तो वह मंदबुद्धि के रूप में अपनी सेवा करवा रहा था और अब वह खुद मानसिक रूप से विक्षिप्त भाइयों की सेवा करने में लगा हुआ है।















