India 6G News: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश को आगामी 6जी प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूरे भारत में 100 उन्नत 5जी प्रयोगशालाओं की स्थापना की है। यह जानकारी बुधवार को संचार मंत्रालय द्वारा आयोजित एमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 के दौरान दी गई, जिसमें ‘डिजिटल संचार’ पर विशेष सत्र आयोजित किया गया। 6G Bharat
इस सत्र की अध्यक्षता दूरसंचार सचिव तथा डिजिटल कम्युनिकेशन आयोग के चेयरमैन डॉ. नीरज मित्तल ने की। उन्होंने कहा कि आज दूरसंचार केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था और हर उभरती तकनीक का आधार बन चुका है। कनेक्टिविटी को उन्होंने सभी उत्पादक गतिविधियों की जड़ बताते हुए कहा कि भारत की टेलीकॉम क्रांति का प्रभाव सीधे आर्थिक प्रगति पर पड़ रहा है।
डॉ. मित्तल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने विश्व के सबसे तेज 5जी रोलआउट का कीर्तिमान बनाया। इसके साथ ही, देश भर में 100 अत्याधुनिक 5जी लैब स्थापित की गई हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न उपयोगिताओं का विकास करना और भारत को 6जी तकनीक के लिए तैयार करना है। उन्होंने यह भी कहा कि एआई और उच्च-गति कनेक्टिविटी के संगम से आने वाले वर्षों में असंभव लगने वाली तकनीकें भी संभव होंगी।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए डॉ. मित्तल ने ‘भारत 6जी एलायंस’ पहल का उल्लेख किया, जिसे पीएम मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरणा मिली है। उन्होंने बताया कि यह एलायंस अब तक 10 वैश्विक संगठनों के साथ सहयोग समझौते कर चुका है। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक वैश्विक 6जी पेटेंट में भारत का 10 प्रतिशत योगदान सुनिश्चित करना है।
दूरसंचार सचिव ने कहा कि नेक्स्ट-जेनरेशन नेटवर्किंग के लिए सरकार का दृष्टिकोण बहु-आयामी है—जिसमें शोध एवं विकास को प्रोत्साहन, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा, तथा शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के बीच मजबूत साझेदारी शामिल है। उन्होंने बताया कि 6जी से संबंधित 100 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं को सहयोग दिया जा रहा है, जिनका उद्देश्य स्वदेशी चिपसेट निर्माण, एआई-आधारित स्मार्ट नेटवर्क और नवाचार को गति देना है। 6G Bharat















