Yogasan: अनु सैनी। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग थकान, तनाव और अनियमित दिनचर्या से परेशान रहते हैं। देर रात सोना, सुबह देर तक उठना और पूरे दिन भागदौड़ में उलझे रहना जीवनशैली को प्रभावित करता है। ऐसे में अगर सुबह की शुरुआत सही तरीके से की जाए, तो पूरा दिन अच्छा और उत्पादक हो सकता है। सुबह का समय न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी सबसे उपयुक्त माना गया है। यही कारण है कि मॉर्निंग योगा (Morning Yoga) को बेहद जरूरी बताया गया है। सुबह योग करने से शरीर फिट रहता है, मन शांत रहता है और पूरा दिन ऊर्जा से भरा हुआ गुजरता है।
जरूरी है मॉर्निंग योगा? Yogasan
सुबह का समय दिनभर की सबसे महत्वपूर्ण घड़ी होती है। वातावरण शांत होता है और हवा शुद्ध होती है। इस समय योग करने से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और मानसिक एकाग्रता भी बढ़ती है। सुबह योग करने से तनाव और चिंता कम होती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। साथ ही इम्यूनिटी बढ़ने से बीमारियों का खतरा कम होता है। यह थकान और सुस्ती को भी दूर करता है। अगर आप रोजाना केवल 20 मिनट भी योग के लिए समय निकालें, तो आपका पूरा दिन बेहतर तरीके से गुजर सकता है। आइए जानते हैं चार ऐसे आसान और फायदेमंद योगासन, जो सुबह करने से शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
सूर्य नमस्कार – पूरे शरीर का व्यायाम
सुबह के योगासनों में सूर्य नमस्कार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे योग का संपूर्ण पैकेज कहा जाता है क्योंकि इसमें 12 विभिन्न क्रियाएं शामिल होती हैं। सूर्य नमस्कार न केवल शरीर को लचीलापन देता है बल्कि मांसपेशियों को सक्रिय कर पूरे शरीर को ऊर्जा से भर देता है।
तरीका: सूर्य नमस्कार की शुरुआत नमस्कार की मुद्रा से होती है। सबसे पहले सीधे खड़े होकर हाथ जोड़ें और सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुककर पैरों को छुएं। फिर दाहिने पैर को पीछे ले जाएं और बाएं पैर को सीधा रखें। इसके बाद प्लैंक पोज में आएं और धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाएं। भुजंगासन की स्थिति बनाएं और फिर अधोमुख श्वानासन करें। अंत में पैरों को आगे लाकर खड़े हो जाएं और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
लाभ: सूर्य नमस्कार पूरे शरीर के लिए सबसे असरदार योगासन है। यह हृदय और फेफड़ों को मजबूत करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है जिससे वजन नियंत्रित रहता है। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह मानसिक तनाव कम करके आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
भुजंगासन – रीढ़ और पीठ की मजबूती
भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी और पीठ को मजबूत करने में बेहद फायदेमंद है। लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए यह आसन विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
तरीका: भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हथेलियों को छाती के पास जमीन पर टिकाएं। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए गर्दन और छाती को ऊपर उठाएं। कमर तक शरीर को उठाते हुए हाथों को सीधा करें। इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं।
लाभ: भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। यह पीठ दर्द की समस्या को दूर करता है और कंधों को मजबूती देता है। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और तनाव कम होता है। यह आसन पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है और पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है। नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और मन को शांति मिलती है।
वृक्षासन – संतुलन और एकाग्रता का अभ्यास
वृक्षासन का नाम वृक्ष यानी पेड़ से लिया गया है। यह आसन शरीर को संतुलन सिखाता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ाता है। सुबह इस आसन का अभ्यास करने से दिनभर फोकस बना रहता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
तरीका: वृक्षासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और शरीर को रिलैक्स करें। अब दाहिने पैर को उठाकर बाएं जांघ पर टिकाएं। इसके बाद दोनों हाथों को ऊपर उठाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक रुकें। धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। इसके बाद धीरे से पैर नीचे रखें और दूसरी ओर से दोहराएं।
लाभ: वृक्षासन मानसिक शांति और एकाग्रता प्रदान करता है। यह पैरों और घुटनों को मजबूती देता है और शरीर के संतुलन को बेहतर बनाता है। नियमित रूप से वृक्षासन करने से तनाव और चिंता कम होती है। यह आसन आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मददगार है।
प्राणायाम – सांसों का संतुलन
प्राणायाम को योग का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है। यह सांसों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया है, जो शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
तरीका: प्राणायाम करने के लिए पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठ जाएं। आंखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें। नाक से सांस अंदर लें और पेट को बाहर की ओर फैलाएं। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें और पेट को अंदर की ओर खींचें। इस प्रक्रिया को 10 से 15 मिनट तक दोहराएं।
लाभ: प्राणायाम तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में कारगर है। यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। प्राणायाम करने से मन शांत होता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है। इसके नियमित अभ्यास से सोच सकारात्मक बनती है और जीवन में आत्मिक शांति मिलती है।
सुबह का समय शरीर और मन दोनों के लिए बेहद अहम है। अगर दिन की शुरुआत योग से की जाए तो पूरा दिन ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ रहता है। सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, वृक्षासन और प्राणायाम – ये चार आसन हर उम्र के लोगों के लिए आसान और लाभदायक हैं। अगर आप रोजाना सिर्फ 20 मिनट भी इनका अभ्यास करें तो न केवल आपका शरीर फिट रहेगा बल्कि मानसिक शांति भी मिलेगी।
योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है। यह तनाव और थकान को दूर करता है और मन को शांत बनाता है। इसलिए कल से ही दिन की शुरुआत इन योगासनों से करें और अपने जीवन को अधिक स्वस्थ, सकारात्मक और संतुलित बनाएं।















