Delhi-Dehradun Expressway: अनु सैनी नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से देवभूमि देहरादून तक का सफर अब पहले से कहीं आसान और तेज़ होने वाला है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम अंतिम चरणों में पहुंच चुका है, हालांकि कुछ हिस्सों में अब भी निर्माण कार्य जारी है। इस एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी महज ढाई से तीन घंटे में तय की जा सकेगी। यह परियोजना उत्तर भारत की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक है, और लोग लंबे समय से इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। अक्टूबर 2025 तक इस एक्सप्रेसवे के फेस-2 के चारों पैकेजों पर तेजी से काम जारी है।
पहला पैकेज: रोड मार्किंग और बिटुमिन लेयर का काम बाकी | Delhi-Dehradun Expressway
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के फेस-2 के पहले पैकेज पर निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। रोड लेइंग यानी सड़क बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब यहां बिटुमिन लेयर और रोड मार्किंग का काम बाकी है। हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक अभी इस पैकेज को पूरा होने में करीब 4 से 5 महीने का समय लग सकता है। इस हिस्से में एक हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन टावर बीच में आ रहा था, जिसे अक्टूबर की शुरुआत में हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, बागपत-मेरठ रोड इंटरचेंज पर अभी कुछ तकनीकी कार्य बाकी हैं।
दूसरा पैकेज: 29.5 किमी का स्ट्रेच, इंटरचेंज पर धीमी रफ्तार
फेस-2 का दूसरा पैकेज 29.5 किलोमीटर लंबा है। यहां भी रोड लेइंग का काम लगभग पूरा हो चुका है, बस 3-4 स्थानों पर थोड़े बहुत काम बाकी हैं। इस सेक्शन में 5 से 6 ट्रांसमिशन लाइन टावर मौजूद हैं, जिन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है।
इस हिस्से में दो इंटरचेंज और दो रेस्ट एंड सर्विस एरिया (RSA) बनाए जा रहे हैं। RSA का काम शुरू हो चुका है, लेकिन इंटरचेंज पर काम की गति धीमी है। अधिकारियों के अनुसार, इस पैकेज को पूरी तरह तैयार होने में कम से कम 6 महीने का और समय लग सकता है।
तीसरा पैकेज: सबसे छोटा, लेकिन लगभग तैयार
फेस-2 का तीसरा पैकेज एक्सप्रेसवे का सबसे छोटा सेक्शन (25.5 किमी) है और यह लगभग पूरा हो चुका है। यहां का मेन कैरिजवे यानी मुख्य सड़क पूरी तरह से तैयार है। भज्जू क्षेत्र के पास इंटरचेंज को लेकर जो काम रुका हुआ था, वह भी अब पूरा कर लिया गया है। हालांकि, शामली-मुजफ्फरनगर रोड के पास अभी कुछ छोटे कार्य जैसे डबल ट्रंपेट इंटरचेंज लूप का एक हिस्सा अधूरा है। लेकिन कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पैकेज-3 लगभग 100% तैयार है और जल्द ही ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा सकता है।
चौथा पैकेज: सबसे लंबा सेक्शन, तीन इंटरचेंज पर काम जारी
फेस-2 का चौथा पैकेज सबसे बड़ा हिस्सा है, जिसकी लंबाई लगभग 37 किलोमीटर है। इस सेक्शन में तीन बड़े इंटरचेंज — भवन-मुजफ्फरनगर रोड, नानौता-देवबंद रोड और सहारनपुर बायपास पर निर्माण कार्य चल रहा है। अभी इन तीनों इंटरचेंज पर काफी काम बाकी है, खासकर नानौता-देवबंद रोड वाले हिस्से पर। बाकी क्षेत्रों में सड़क बिछाने (रोड लेइंग) का काम लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पैकेज को अगले 5 से 6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।
एक्सप्रेसवे पूरा होने के बाद क्या होगा फायदा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा का समय 6-7 घंटे से घटकर सिर्फ 2.5 से 3 घंटे रह जाएगा। इससे पर्यटन, व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के कई जिलों को सीधे जोड़ेगा, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम अब अंतिम चरण में है। अधिकतर हिस्सों पर सड़क बिछाने और मुख्य ढांचे का निर्माण पूरा हो चुका है। कुछ स्थानों पर ट्रांसमिशन लाइन और इंटरचेंज के कार्य चल रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले 6 से 8 महीनों में यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस हाई-स्पीड मार्ग के चालू होते ही दिल्ली से देहरादून का सफर न केवल तेज़ बल्कि और भी सुहाना हो जाएगा।















