हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को महामहिम राष्ट्रपति ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार से किया सम्मानित

महामहिम राष्ट्रपति से राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त करते हकृवि के कुलपति प्रो. काम्बोज।

हिसार (सच कहूँ/श्याम सुन्दर सरदाना)। महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) को मंगलवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में छठा राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2024 प्रदान किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज को प्रमाण पत्र एवं ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। Hisar News

समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, राज्य जल शक्ति मंत्री वी. सोमन्ना तथा राजभूषण चौधरी भी मंच पर उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. काम्बोज ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में हकृवि को स्कूल-कॉलेज के अतिरिक्त संस्थान श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। यह सम्मान विश्वविद्यालय द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए दीर्घकालिक, वैज्ञानिक और प्रभावी प्रयासों का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रदेशभर के किसानों को धान की सीधी बिजाई, कम अवधि वाली किस्मों के चयन तथा फसल विविधीकरण के लिए प्रेरित किया। इससे खरीफ सीजन में भारी मात्रा में पानी की बचत हुई और लगभग 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कपास से धान में तब्दील होने से बचाया गया, जो जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। हकृवि ने जल बचत को बढ़ावा देने के लिए धान की कम अवधि में पकने वाली उन्नत किस्म एचकेआर-49 तथा गेहूं की कम पानी और मध्यम खाद में अधिक उपज देने वाली डब्ल्यूएच-1402 किस्म विकसित की हैं, जिनसे बड़े स्तर पर सिंचाई जल की बचत होगी। Hisar News

किसानों को जागरूक करने के लिए हकृवि के व्यापक प्रयास

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि किसानों को जल संरक्षण तकनीकों से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा राज्यभर में अनेक गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। इनमें किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, गोष्ठियाँ, किसान मेले, जल संरक्षण शिविर, फील्ड डेज, वन महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस समारोह आदि प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विश्वविद्यालय परिसर और अनुसंधान फार्मों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया गया है। Hisar News