संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किए निर्देश
SIR Process: श्रीगंगानगर। राज्य में वर्तमान में 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें राज्य में कार्य कर रहे बीएलओ में लगभग 90 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत है। साथ कार्य को अतिशीघ्र करवाने हेतु बीएलओ सहयोगी भी लगाएं जा रहे है जिसमें अधिकांश शिक्षकों को लगाया जा रहा है। जिससे वर्तमान में चल रही अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं सहित नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा इसलिए अध्यापन कार्य भी जरूरी है लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ में होने के कारण पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है जिससे विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम प्रभावित होगा। Sri Ganganagar News
शिक्षक संघ रेसटा लगातार राज्य सरकार से मांग कर रहा है कि शिक्षकों को कम से कम संख्या में बीएलओ लगाया जाएं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रौनक बैरागी ने जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर स्पष्ट कर दिया कि बीएलओ के सहयोगी के रूप में अब शिक्षकों के स्थान पर अन्य विभागों के कार्मिक लगाए जाएं। जारी आदेशों में कहा गया कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में बीएलओ के सहायकों के रूप में अधिकांश शिक्षकों को तैनात कर दिया गया था। जबकि इसी अवधि में प्रदेशभर के विद्यालयों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में शिक्षकों पर दोहरी जिम्मेदारी थोपना उचित नहीं, इसलिए अन्य विभागों के कर्मचारियों को लगाया जाए।
देर आए पर दुरुस्त आए | Sri Ganganagar News
शिक्षक संघ रेसटा लंबे समय विरोध जता रहा था कि पहले से ही सरकारी स्कूलों में पद रिक्त चल रहे है जिसके कारण शिक्षकों की भारी कमी है। अब विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में ड्यूटी होने के कारण परीक्षाओं सहित अन्य विभागीय कार्यों का पूरा भार संस्था प्रमुख और बचा सीमित स्टाफ उठा रहा है एवं अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं। लेकिन न सरकार ने ध्यान दिया और न ही विभाग ने। हालात तब बदले, जब पुनरीक्षण कार्य के दबाव में कुछ शिक्षकों ने आत्महत्या तक कर ली। या हृदयघात से मौत जैसे मामले सामने आए। तभी निर्वाचन विभाग की आंख खुली और आदेश तेजी से जारी किए गए।
निर्देश जारी हो चुके हैं, लेकिन मैदान में असली परीक्षा अब जिला कलक्टरों की है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या जिला प्रशासन तुरंत शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी और हेल्प डेस्क से कार्यमुक्त करेगा? या फिर यह आदेश कागजों में ही रह जाएंगे ? इधर शिक्षक संघ रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद ने कहा कि बीएलओ के अलावा बीएलओ सहायको और बनी हेल्प डेस्क पर लगे शिक्षकों को तत्काल स्कूलों के लिए कार्यमुक्त किया जाए। क्योंकि 20 नवंबर से परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और संस्था प्रधान निरीक्षण कर्ताओं की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं। Sri Ganganagar News
निदेशक,माध्यमिक शिक्षा राजस्थान,बीकानेर सीता राम जाट ने राज्य के समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक,समग्र शिक्षा को निर्देश जारी करके कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में अहर्ता तिथि एक जनवरी 2026 के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में वर्तमान में राज्य के विद्यालयों में आयोजित अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए बीएलओ के सहायतार्थ लगाए जाने वाले कार्मिकों में शिक्षकों के अतिरिक्त अन्य विभागों के कार्मिकों को यथासंभव नियुक्त करवाएं जाने हेतु लिखा गया है
उक्त क्रम में सन्दर्भित पत्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की निरन्तरता में निर्देशित किया जाता है कि स्थानीय जिला कलक्टर कार्यालय से समन्वय स्थापित करते हुए प्रासंगिक निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाएं तथा गई कार्यवाही की सूचना इस कार्यालय की ई.मेल. आई.डी. massecondary@gmail.com पर प्रेषित करवाया जाना सुनिश्चित करें।
आदेशों की शत प्रतिशत हो पालना
शिक्षक समुदाय देश एवं राज्य में कभी भी विकट स्थिति हो हमेशा अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाते है और निभाते रहेंगे। कोरोना काल हो या चुनाव या कोई आपदा। लेकिन शिक्षक का मुख्य कार्य विद्यार्थियों को पढ़ाना है,वर्तमान में अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं चल रही है और फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं प्रस्तावित है। अगर परिणाम कम रहा तो नोटिस मिलने की संभावना। इसलिए विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में कम से कम शिक्षकों को लगाया जाना चाहिए एवं निर्वाचन आयोग के जारी निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में चुनाव कार्यालय, बीएलओ सहायक एवं हेल्प डेस्को पर लगे शिक्षकों को अपनी स्कूलों के लिए अतिशीघ्र कार्यमुक्त किया जाएं। Sri Ganganagar News
मोहर सिंह सलावद,प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा,राजस्थान।















