Home Remedies of Snoring: आप भी हैं खर्राटों से परेशान? तो जान लें खर्राटे रोकने के आयुर्वेदिक रहस्य

Snoring
Home Remedies of Snoring: आप भी हैं खर्राटों से परेशान? तो जान लें खर्राटे रोकने के आयुर्वेदिक रहस्य

खर्राटे सिर्फ एक आवाज नहीं, बल्कि इसके पीछे है ये बड़े कारण

Home Remedies of Snoring: नई दिल्ली। अधिकतर लोग खर्राटों को एक सामान्य और साधारण समस्या मानकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि आयुर्वेद एवं आधुनिक चिकित्सा दोनों ही मानते हैं कि खर्राटे शरीर के भीतर किसी अवरोध या असंतुलन का संकेत होते हैं। कई लोगों का मानना है कि थकान या अत्यधिक काम के कारण खर्राटे आते हैं, परंतु यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। खर्राटे दरअसल तब उत्पन्न होते हैं जब श्वसन मार्ग संकुचित या अवरुद्ध हो जाता है, जिसके कारण हवा के प्रवाह में रुकावट आती है और गले से कंपन की आवाज उत्पन्न होती है। Snoring

आयुर्वेद के दृष्टिकोण से खर्राटों के ये हैं कारण

  • आयुर्वेद के अनुसार, कफ और वात दोष का असंतुलन नींद के दौरान श्वसन क्रिया को बाधित करता है। इसी वजह से:
  • सुबह उठने पर गले में सूखापन या भारीपन
  • नींद टूटने की समस्या
  • और कभी-कभी सांस रुकने जैसी स्थिति (स्लीप एप्निया) भी देखने को मिलती है
  • यदि सोते समय अचानक झटका आना या सांस रुकना महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।
    खर्राटों का संबंध सोने की मुद्रा से भी है। विशेषज्ञ तथा आयुर्वेद दोनों ही बाईं करवट सोने की सलाह देते हैं, जिससे वायु मार्ग खुला रहता है और खर्राटे कम होते हैं।

आयुर्वेदिक उपाय और घरेलू उपचार | Snoring

  • अणु तेल को नाक में टपकाना अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह:
  • नाक और गले का सूखापन दूर करता है
  • सूजन कम करता है
  • श्वसन को सहज बनाता है
  • नस्य उपचार गहरी नींद पाने में भी सहायता करता है।
  • हल्दी और नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे
  • सोने से पहले भाप लेना
    श्वसन नलिका को आराम देते हैं और संक्रमण के खतरे को कम करते हैं।
  • शहद और अदरक का मिश्रण दिन में दो बार लेने से गले के मार्ग की सफाई होती है और सूजन व खराश में राहत मिलती है।
  • रात में भारी व तैलीय भोजन से परहेज करना भी आवश्यक है, क्योंकि इससे खर्राटे बढ़ जाते हैं।

तेल मालिश का महत्व | Snoring

  • सोने से पहले गुनगुने नारियल या सरसों के तेल से गर्दन की हल्की मालिश करने से:
  • रक्त संचार बढ़ता है
  • गले के आसपास की मांसपेशियाँ शिथिल होती हैं
  • और श्वसन मार्ग खुला रहता है