वन्य प्राणी विभाग रखे हुए है प्रवासी पक्षियों पर सुरक्षा की नजर
प्रताप नगर (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Kalesar National Park: कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में हाल ही में कई लुप्तप्राय और प्रवासी पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। सर्दियों के मौसम की शुरूआत के साथ, बर्फीले देशों से बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी यहां पहुंचते हैं। अप्रैल 2025 में किए गए एक सर्वेक्षण में, कलेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और सीआईटीईएस के तहत संरक्षित सात लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। अक्सर नवंबर के महीने मे, यमुना नदी क्षेत्र और हथिनीकुंड बैराज पर झीलनुमा पानी में रंग-बिरंगे प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं। जो पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
बता दें कि यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, खासकर सर्दियों में जब विविध प्रवासी पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं। वन्य प्राणी विभाग इन मेहमान पक्षियों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरत रहा है और उनके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। कलेसर नेशनल पार्क में विदेशी पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। यह पार्क हर साल सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का घर बन जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख प्रजातियाँ हैं। जो अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं।
कलेसर वेटलैंड विदेशी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास
कलेसर नेशनल पार्क में इन विदेशी पक्षियों को देखने के लिए नवंबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा रहता है। जब ये पक्षी अपने प्रवास के लिए यहाँ आते हैं। कलेसर वेटलैंड विदेशी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास है, क्योंकि यहाँ उन्हें भोजन, पानी, और आश्रय की सभी आवश्यक चीजें मिलती हैं। कलेसर वेटलैंड में विभिन्न प्रकार के जलीय पौधे, मछलियाँ, और अन्य जलीय जीव पाए जाते हैं, जो पक्षियों के लिए एक विविध और रोमांचक वातावरण प्रदान करते हैं। कलेसर वेटलैंड का मौसम पक्षियों के लिए उपयुक्त है, जो उन्हें अपने प्रवास के दौरान आराम करने और भोजन करने के लिए एक अच्छा स्थान प्रदान करता है। कलेसर वेटलैंड विदेशी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास है, जो उन्हें अपने प्रवास के दौरान आवश्यक सभी चीजें प्रदान करता है।
विदेशी पक्षी कलेसर की शाल वैली और वेटलैंड में करते है विचरण: लीलू राम
वन्य प्राणी विभाग के जिला निरीक्षक लीलू राम और वन्य प्राणी रक्षक सुमित कुमार ने बताया कि नवम्बर माह में अधिक ठंडे देशों से कुछ विदेशी पक्षी कलेसर की शाल वैली और वेटलैंड में विचरण करते है। वन्य प्राणी विभाग लगातार इन पर जर बनाए हुए है और इनकी गतिविधियों पर भी सुरक्षा के मद्देनजर नजर रखे हुए है।
यूरोप से भी आ जाते हैं पक्षी | Kalesar National Park
कलेसर वेटलैंड में आने वाले विदेशी पक्षी मुख्य रूप से रूस, यूरोप, साइबेरिया, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान, चीन और मंगोलिया से आते हैं। ये पक्षी सर्दियों में अपने मूल स्थानों से प्रवास करके कलेसर वेटलैंड में आते हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और आश्रय मिलता है।
इन पक्षियों का हुआ है यहां आगमन
- फ्लेमिंगो पक्षी अपनी लंबी चोंच और गुलाबी रंग के लिए जाने जाते हैं।
- पेलिकन पक्षी अपनी बड़ी चोंच और जल में तैरने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- शॉवलर पक्षी अपनी चपटी चोंच और जल में भोजन ढूंढ़ने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
- वेडर व कॉमन क्रन पक्षी अपने लंबे पैरों और जल में तैरने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
- पिनटेल पक्षी अपनी लंबी पूंछ और जल में तैरने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- बार-हेडेड गीज पक्षी अपनी काली धारियों और जल में तैरने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
- ग्रे लेग गीज पक्षी अपनी भूरे रंग की पैरों और जल में तैरने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- टफ्टेड डक पक्षी अपनी चमकदार हरी चोंच और जल में तैरने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
- पेरेग्रीन फाल्कन पक्षी अपनी तेज गति और शिकारी क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।
यह भी पढ़ें:– ये भात हरियाणा में बन गया चर्चा का विषय, जानिये…















