पंजाब सरकार के शिक्षा क्रांति के दावों की खुली पोल, मंदिर में कक्षाएंँ लगाने को मजबूर हुए बच्चे

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Ghagga News: मंदिर में कक्षाएँ लेते स्कूल के बच्चे और जानकारी देते गांववासी।

हर रोज गिर रहे लैंटर के टुकड़े, लोहे के सरिया तक दे रहे दिखाई

घग्गा (सच कहूँ/मनोज गोयल)। Ghagga News: एक ओर जहाँ पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं सरकारी एलीमेंट्री स्मार्ट स्कूल डेरा बाजीगर घग्गा की इमारत बेहद जर्जर हालत में है, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसी खराब हालत के चलते स्कूल के अध्यापक बच्चों को मंदिर में पढ़ाने को मजबूर हैं। अब रोजाना बच्चे मंदिर में ही कक्षाएंँ लगा रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, इस स्कूल में लगभग 170 बच्चे पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ते हैं, परंतु ढहती हुई इमारत की वजह से पढ़ाई मंदिर में करवाई जा रही है। एससी सेल के नेता मलकीत सिंह घग्गा और जुगराज सिंह ने बताया कि यह स्कूल लगभग 40 साल पुराना है। लैंटर के टुकड़े रोज नीचे गिरते हैं और सरिया पूरी तरह बाहर आ चुका है, जिससे बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर शिक्षा क्रांति की बात करती है, वहीं दूसरी ओर इस स्कूल की छत कभी भी गिर सकती है। Ghagga News

सरकार को तुरंत ध्यान देकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। वहीं स्कूल के शिक्षकों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांववासियों ने भी कई बार अपने इलाके में आने वाले नेताओं को स्थिति से अवगत करवाया है, लेकिन समाधान नहीं निकला। गांववासियों का कहना है कि यदि जल्द उनकी यह प्रमुख मांग पूरी न हुई तो वे संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। इस मौके पर जुगराज सिंह, हरमेश सिंह, जगसीर सिंह आदि उपस्थित थे।

डीईओ ऑफिस तक पहुंचाई शिकायत, नहीं हुआ समाधान: शिक्षक

शिक्षकों ने बताया कि मामला डीईओ कार्यालय तक कई बार पहुंचाया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं क्षेत्रवासियों व स्थानीय नेताओं ने सरकार से मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूल की बिल्डिंग की तुरंत मरम्मत करवाई जाए या नई इमारत की मंजूरी दी जाए।

इस मामले संबंधी जब डीईओ एलिमेंट्री शालू मेहरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में है और जल्द ही इस संबंध में उच्च अधिकारियों को लिखकर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त गाँव के पास जमीन बहुत कम है, जिसके कारण निर्माण कार्यों में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि वे इस स्कूल को अस्थायी रूप से शिफ्ट करने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके और वे इस मुद्दे पर लगातार काम कर रही हैं। Ghagga News

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