बाहरी लोगों की वजह से भड़की हिंसा: वीके सिंह
Hanumangarh Ethanol Plant Dispute: हनुमानगढ़ (सच कहूँ/हरदीप सिंह)। टिब्बी क्षेत्र में एथेनॉल प्लांट से जुड़े विवाद ने पिछले दो दिनों में हालात बदल दिए। 10 दिसम्बर की शाम को जो माहौल हिंसक हुआ, 11 दिसम्बर की सुबह उसी जमीन पर सन्नाटा और चौकन्नी निगाहें दिखाई दीं। बाजार खुले, लेकिन ग्राहकी न के बराबर रही। दुकानदार बैठे रहे, पर आवाजाही बेहद कम रही। पूरा कस्बा एक तरह से दम साधे हुए नजर आया। पुलिस हर चौराहे, हर गली और हर मौके पर नजर आई। आगजनी व तोड़फोड़ की घटना के बाद वीरवार को दूसरे दिन भी गतिरोध बरकरार रहा। हालांकि तनावपूर्ण माहौल के बीच शांति बनी रही। टिब्बी क्षेत्र में वीरवार को भी इंटरनेट सेवाएं बंद रही। Hanumangarh News
107 से अधिक पर मुकद्दमा, 40 हिरासत में
वहीं, फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार घर छोड़कर चले गए हैं। इस घटनाक्रम के बाद वीरवार को एडीजी वीके सिंह टिब्बी पहुंचे। इस दौरान संभागीय आयुक्त, बीकानेर रेंज आईजी हेमंत शर्मा, जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक हरी शंकर भी साथ रहे। अधिकारियों ने टिब्बी में किसानों के साथ वार्ता की। अधिकारियों की ओर से वार्ता के माध्यम से समस्या समाधान का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस-किसान झड़प मामले में वीरवार देर शाम को एडीजी का बयान सामने आया। Hanumangarh News
एडीजी वीके सिंह ने कहा कि बाहरी लोगों की वजह से हिंसा भड़की। उन्होंने बताया कि पंजाब-हरियाणा के साथ आस-पास जिलों से आए बाहरी लोगों ने किसानों को भड़काया। इस हिंसा में पुलिस और बॉर्डर होम के 36 से ज्यादा जवान घायल हो गए। इनमें 5 पुलिसकर्मियों को ज्यादा चोट आई है। उधर, बुधवार को हुए घटनाक्रम के संबंध में शामिल 107 से अधिक किसानों व ग्रामीणों के खिलाफ टिब्बी पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से 40 लोगों को पुलिस की ओर से हिरासत में लिए जाने के समाचार हैं। वीरवार दोपहर को टिब्बी में किसानों की सभा हुई।
एक दौर की वार्ता समाप्त, प्रशासन ने मांगा एक घंटे का वक्त
एथेनॉल प्लांट को लेकर किसान प्रतिनिधियों के साथ एक दौर की वार्ता देर शाम समाचार लिखे जाते समय तक खत्म हो चुकी थी। प्रशासन ने कोई निर्णय लेने के लिए एक घंटे का वक्त मांगा। वार्ता के दौरान तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई। किसान प्रतिनिधियों ने प्लांट बंद करने, हिंसक झड़प की न्यायिक जांच और मुकदमे वापस लेने की मांग की। इस पर प्रशासन ने एक घंटे बाद अपना पक्ष रखने की बात कही। किसानों की तरफ से 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता में शामिल था। इनमें कांग्रेस नेत्री शबनम गोदारा, माकपा नेता जगजीत सिंह जग्गी, किसान नेता मानसिंह राठौड़, हर्षवर्धन झींझा, सुखजीत सिंह चट्ठा, विजय सिंह बेनीवाल, प्यारा सिंह आदि शामिल थे। प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव व एसपी हरी शंकर सहित अन्य अधिकारी वार्ता में शरीक हुए। Hanumangarh News
विवाद का कारण
मामले की जड़ ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के उस प्लांट से जुड़ी है, जो राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्लांट केन्द्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम को मजबूत करेगा। सितम्बर 2024 से जून तक विरोध शांत तरीके से चलता रहा, लेकिन जुलाई 2025 आते-आते विरोध तेज हुआ। कंपनी की ओर से बाउंड्री वॉल बनाने से किसानों में नाराजगी बढ़ी। 19 नवम्बर को पुलिस सुरक्षा में निर्माण शुरू हुआ तो आंदोलन और भड़का। किसान नेता महंगा सिंह सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। अगले दो दिनों में लगभग 67 किसानों ने गिरफ्तारी दी। हालात पहले से तनावपूर्ण थे।
तोड़ी निर्माणाधीन दीवार, वाहनों को किया आग के हवाले
10 दिसम्बर की दोपहर टिब्बी एसडीएम कार्यालय के सामने बड़ी सभा हुई। भीड़ का जोश और नाराजगी दोनों चरम पर थे। दोपहर बाद किसान ट्रैक्टर लेकर राठीखेड़ा फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए। आंदोलनकारी पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स हटाते हुए निमार्णाधीन एथेनॉल फैक्ट्री में घुसे और ट्रैक्टरों से निमार्णाधीन दीवार तोड़ दी। अंदर घुसे आंदोलनकारियों ने पुलिस जीप को पलट दिया और कई चौपहिया व दुपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। ऑफिस में भी आग लगा दी। Hanumangarh News















