Shivraj Patil Passed Away: नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार, 12 दिसंबर को महाराष्ट्र के लातूर स्थित आवास पर निधन हो गया। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, 90 वर्षीय पाटिल कुछ समय से अस्वस्थ थे और घर पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली। शिवराज पाटिल, जो लातूर से सात बार लोकसभा के लिए चुने गए, ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में केंद्र सरकार के कई अहम पद संभाले। वे न केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे, बल्कि लोकसभा के स्पीकर के रूप में भी अपनी प्रखर भूमिका निभाई। Shivraj Patil
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा उस्मानिया विश्वविद्यालय से पूर्ण की और राजनीति में आने से पूर्व विधि की पढ़ाई की। उनका राजनीतिक सफर महाराष्ट्र विधानसभा से शुरू हुआ, जहाँ वे 1978 से 1980 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे लगातार लातूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर कांग्रेस के प्रमुख मराठवाड़ा नेताओं में शामिल हो गए।
केंद्रीय राजनीति और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ | Shivraj Patil
- केंद्र में अपने विस्तृत कार्यकाल के दौरान पाटिल ने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
- 1980 के दशक में उन्होंने रक्षा राज्यमंत्री के रूप में योगदान दिया, जबकि 1990 के दशक में वे लोकसभा के उपाध्यक्ष और बाद में स्पीकर बने।
- शिवराज पाटिल को 2004 में हुई चुनावी हार के बाद भी यूपीए सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बनाया गया। बाद में वे राज्यसभा सदस्य भी बने।
- 2004 से 2008 तक उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। इसी अवधि में देश में कई आतंकी हमले हुए, जिनमें 26/11 का मुंबई हमला सबसे भयावह था। इस हमले के बाद उन्होंने नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
- 26/11 का आतंकी हमला 26 से 29 नवंबर 2008 के बीच मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों द्वारा किए गए सिलसिलेवार हमलों की घटना थी, जिसमें 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए।
गवर्नर के रूप में सेवाएँ | Shivraj Patil
केंद्रीय राजनीति के बाद शिवराज पाटिल ने राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएँ दीं।
वे 2010 से 2015 के बीच पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक के पद पर रहे।
इसके अतिरिक्त, 2011 में उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
नेहरू–गांधी परिवार से नज़दीकी
शिवराज पाटिल को कांग्रेस में अक्सर नेहरू–गांधी परिवार के विश्वस्त नेताओं में गिना जाता था।
उनके लंबे राजनीतिक करियर में 2008 में दिया गया इस्तीफ़ा एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है।
गवर्नर की भूमिका निभाने के बाद 2015 में वे सक्रिय राजनीति से अलग हो गए।
इंदिरा गांधी के शासनकाल में उन्होंने रक्षा राज्य मंत्री (1980–82) और फिर स्वतंत्र रूप से वाणिज्य मंत्रालय (1982–83) का दायित्व संभाला। बाद में उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और समुद्री विकास विभागों (1983–84) की जिम्मेदारी सौंपी गई। राजीव गांधी सरकार में उन्होंने कार्मिक, रक्षा उत्पादन तथा अंततः नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी संभाला। Shivraj Patil















